बिहार की राजधानी में बीपीएससी छात्रों का आंदोलन जोर-शोर से चल रहा है। आंदोलन कर रहे बीपीएससी छात्रों की आज मुख्य सचिव से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद भाजपा नेता चिराग पासवा का बयान भी आया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि यह मुलाकात उनकी वजह से हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी शेयर की। इस बीच अब जिला प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। जारी की गई विज्ञप्ति की डिटेल आप नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं।
- परिक्षार्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य सचिव से मिलकर 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा के संदर्भ में मांग -पत्र समर्पित किया है।
- इसमें पूरी प्रारम्भिक परीक्षा को रद्द करने, परीक्षा में अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच कराने, अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने, परिक्षार्थियों पर अत्यधिक बल प्रयोग करने में संलिप्त कर्मियों पर कार्रवाई करने तथा दिवंगत सोनू कुमार के परिवार को मुआवजे देने की मांग की है।
- मांग-पत्र समर्पित करने के क्रम में बापू परीक्षा केन्द्र के अलावा कुछ अन्य परीक्षा केन्द्रों के संबंध में मुद्दे समर्पित किए हैं।
- सभी बिंदुओं पर गहराई से चर्चा करने के उपरान्त प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया है कि उनके द्वारा समर्पित मांग-पत्र पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। परीक्षार्थियों को यह भी सुझाव दिया गया है कि वे शांति बनाए रखें।
'अगले 48 घंटे में सरकार निर्णय ले सकती है'
इस आंदोलन के चलते राज्य की सियासत भी गर्मा गई है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर छात्रों के समर्थन में हैं। उन्होंने आज अपनी पीसी में कहा "48 घंटे का समय अभ्यर्थी सरकार को देना चाहते है। अगले 48 घंटे में सरकार निर्णय ले सकती है। अगर निर्णय नहीं हुआ तो हम लोग छात्रों के साथ रहेंगे। चाहे इनके साथ धरना पर बैठना हो या जो भी करना पड़े।"
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