BPSC परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग को लेकर इन दिनों उम्मीदवार सड़कों पर हैं। बीते दिन बीपीएससी छात्रों का प्रदर्शन कथित तौर पर उग्र हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उम्मीदवारों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार की। साथ ही कुछ छात्रों पर लाठियां भी भांजी गई। हालांकि पुलिस ने लाठी चार्ज के बात का नाकार दिया। अब एक बीजेपी नेता ने छात्रों को राजनेताओं के राजनीतिक एजेंडे से दूर रहने की सलाह थी। साथ ही कुछ आंकड़े बताकर समझाने की कोशिश की है कि अगर एग्जाम रद्द होता है तो कितनों को नुकसान पहुंचेगा?
समझें "98.45% बनाम 1.55%"
बीजेपी नेता नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर छात्रों को आंकड़े बताए। उन्होंने अपने एक्स के एक पोस्ट में लिखा,"98.45% बनाम 1.55%।" यानी की 98.45 फीसदी छात्र जिन्होंने यह एग्जाम सफलता पूर्वक दिया और 1.55 प्रतिशत वे जिनके एग्जाम कैंसिल हो गए। बीजेपी नेता ने आगे बताया कि बीपीएससी के परीक्षा के लिए आयोग को कुल 4.80 लाख आवेदन प्राप्त हुए। बापू सभागार में 17900 उम्मीदवारों के बैठने की व्यवस्था है, जिनमें से करीब 12000 आवेदन ऐसे जो कैंसिल हुए परीक्षा केंद्र के लिए प्राप्त हुए थे, 13 दिसंबर को 62 फीसदी यानी 7,444 उम्मीदवारों ने परीक्षा में भाग लिया था।
आगे बीजेपी नेता ने सवाल पूछा कि यह कुल आए आवेदन का महज 1.55 फीसदी ही है, ऐसे में क्यो 1.55 प्रतिशत के लिए 98.45 फीसदी उम्मीदवारों के मेधा का बलिदान करना चाहिए। सरकार इन 1.55 फीसदी उम्मीदवारों को 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका दे रही है।
राजनीतिक एजेंडे से दूर रहने की सलाह
आगे राजनीतिक एजेंडे से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव, पप्पू यादव, प्रशांत किशोर जैसे लोग नकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं, भोले-भाले छात्रों को भड़का रहे हैं और अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। ऐसे में छात्रों से अपील हैं कि इनके बहकावे में न आएं।
की नॉर्मलाइजेशन को लेकर भ्रांति दूर
आगे नॉर्मलाइजेशन को लेकर भ्रांति दूर करते हुए कहा कि एक बार पहले भी बीपीएससी परीक्षा में ही औरंगाबाद का सेंटर कैंसिल हुआ था, और उसे समय बिना कोई नॉर्मलाइजेशन के रिजल्ट जारी किया गया था। इस बार भी नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा।