भोपाल। कई बार समय के सदुपयोग की कोशिश प्रतिभा को नया मुकाम दिला देती है। मध्यप्रदेश की डॉ. नम्रता यादव के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। वे पेशे तो चिकित्सक हैं, मगर चिकित्सकों के परामर्श पर उन्हें जब आराम करना पड़ा तो वे क्रोशिया से सामग्री बनाने की महारथी बन गईं। डॉ. यादव क्रोशिये से बनाई अपनी कृतियों के जरिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में लगातार चौथी बार नाम दर्ज कराने में कामयाब हुई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की पत्नी और डॉ. एन.एस. यादव की पुत्री डॉ. नम्रता ने वर्ष 2016 में चेन्नई में आयोजित प्रतियोगिता में अपनी टीम सदस्यों के साथ मिलकर 11 हजार साढ़े 148 मीटर लंबा कंबल क्रोशिये से बनाया था। यह अपने आप में एक कीर्तिमान था और उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ था।
इसके बाद डॉ. नम्रता ने मई 2017 को चेन्नई 14़.089 किमी लंबाई का क्रोशिया मफलर उसके बाद जनवरी 2018 में चेन्नई में ही 58 हजार 917 क्रोशिया अलग-अलग प्रकार की मूर्तियों का प्रदर्शन किया। यह अपने आप में एक कीर्तिमान रहा। उसके बाद सितंबर 2019 को एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई में क्रोशिया से क्रिसमस की सजावट प्रतियोगिता के अंतर्गत 66 हजार 158 विभिन्न कृतियों का प्रदर्शन किया।
डॉ. नम्रता का कहना है कि लगभग 20 साल पहले वे गर्भवती थीं और चिकित्सकों ने उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी थी। इस दौरान समय का सदुपयोग उनके लिए चुनौती थी, तभी क्रोशिया कला की एक किताब उनके हाथ लग गई। उसके बाद उन्होंने इस कला से संबंधित कई और किताबें पढ़ीं। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं है। आशावादी सोच और दृढ़ संकल्प सफलता अवश्य दिलाते हैं।