Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. बिहार के स्कूलों का अब बदलेगा हाल, सरकार बना रही कई मापदंडों के आधार पर रैंकिंग देने की योजना

बिहार के स्कूलों का अब बदलेगा हाल, सरकार बना रही कई मापदंडों के आधार पर रैंकिंग देने की योजना

बिहार के स्कूलों के हालात बदलने के लिए सरकार ने कई मापदंडों के आधार पर रैंकिंग देने की योजना बनाई है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 18, 2024 20:04 IST
bihar school- India TV Hindi
Image Source : PTI मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार के स्कूलों की बदहाली दूर करने के लिए नीतीश सरकार ने एक प्लान बनाया है। इस प्लान के जरिए बिहार सरकार ने अब विशिष्ट मात्रात्मक मापदंडों के आधार पर संस्थानों की रैंकिंग करने का निर्णय लिया है। इससे सरकार शिक्षा और छात्रों के समग्र विकास को लेकर सरकारी स्कूलों की क्वालिटी में सुधार लाने की कोशिश करेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) एस सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी जिला शिक्षक कार्रवाई अधिकारियों (डीईपी) को पत्र लिखकर विभाग के फैसले के बारे में बताया कि सभी स्कूलों की रैंकिंग निर्धारित मापदंडों के आधार पर साल में 2 बार- नवंबर और मार्च में की जाएगी।

इन मापदंडों के आधार पर मिलेगी रैंकिंग

अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) एस सिद्धार्थ के मुताबिक, तय फॉर्मेट में शिक्षा, को-करिकुलर एक्टिविटीज, स्वच्छता, अनुशासन, रिसोर्स यूटिलाइजेशन, शिकायत निवारण आदि विशिष्ट मानदंडों के आधार पर प्राथमिक, माध्यमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग की जाएगी।

स्कूलों को पिछड़े श्रेणी में रखा गया था

सरकार ने यह फैसला नीति आयोग द्वारा स्कूली शिक्षा क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए विकसित 2019 स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (SEQI) में बिहार को सबसे निचले 5 राज्यों में स्थान देने के बाद लिया है। इस इंडेक्स का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने और जरूरी सिलेबस सुधार या नीतिगत हस्तक्षेप करने के लिए एक मंच प्रदान करके शिक्षा नीति पर परिणामों पर ध्यान केंद्रित करना है।

100 नंबर के पैमाने पर रैंकिंग

सिद्धार्थ ने सभी स्कूलों के लिए रैंकिंग फॉर्मेट के साथ लिखा है, "बिहार में रैंकिंग 100 नंबर्स के पैमाने पर होगी और शिक्षकों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए यह अनिवार्य जरूरत भी होगी। इसका उद्देश्य छात्रों को समग्र शिक्षा के लिए गुणवत्ता में सुधार करना है और इसके लिए शिक्षकों की भूमिका सर्वोपरि है।" टॉप आने वाले संस्थानों का वर्गीकरण करने के लिए स्कूलों को उनकी रैंकिंग के आधार पर स्टार आवंटित किए जाएंगे, जैसा कि यूजीसी ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए किया है।

ऐसे मिलेंगे रैंक

आगे कहा गया कि 85-100 के बीच स्कोर करने वाले टॉप आने वाले स्कूलों को 5 स्टार मिलेंगे, इसके बाद चार स्टार (75-84), तीन स्टार (50-74), दो स्टार (25-49) और एक स्टार (0-24) होंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों की इस “स्टार रेटिंग” का उद्देश्य उन्हें आकांक्षी और गुणवत्ता के प्रति जागरूक बनाना है, जिससे छात्रों को बेस्ट एजुकेशन देने के लिए बढ़िया माहौल तैयार होगा।

उन्होंने कहा, "इससे कमज़ोर संस्थानों को भी आगे बढ़ने और कड़ी मेहनत करने में मदद मिलेगी। वे भी इसमें शामिल होंगे और सरकार से अपनी ज़रूरत की मांग करेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को सर्वश्रेष्ठ देने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना है।"

ये भी पढ़ें:

UPSC ESE 2025: यूपीएससी ने जारी की इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम के नोटिफिकेशन, इतने पदों पर निकली भर्ती

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement