'मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती,' अपने आस-पास से अधिकतर लोगों ने ये बात अक्सर सुनी होगी। इस बात को बिहार के लड़के ने चरितार्थ किया है। हाल में ही बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा के परिणाम घोषित हुए हैं। इस परीक्षा के परिणाम में एक अंडे बेचने वाले व्यक्ति के बेटे आदर्श कुमार ने परचम लहराकर कमाल कर दिया है। आदर्श कुमार ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया है।
आदर्श के पिता अंडे बेचने का काम करते हैं, वो ठेले पर अंडे बेचते हैं। उन्होंने बेहद मेहनत कर अपने बेट को पढ़ाया लिखाया। आदर्श ने दिन रात एक कर बीपीएससी 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में 132वीं रैंक हासिल कर घर और क्षेत्र का नाम रौशन किया।
पहले प्रयास में पाई सफलता
आदर्श कुमार ने अपनी दसवीं की पढ़ाई बोकारो के भंडारीदह डीएवी स्कूल से पूरी की है। उन्होंने चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की है। आदर्श ने पहले प्रयास में ही बीपीएससी 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का किला फतह(परीक्षा पास कर ली) कर लिया या दूसरी भाषा में कहें तो बीपीएससी 32वीं न्यायिक सेवा परीक्षा को पहले अटेंप्ट में ही उत्तीर्ण कर लिया।
आदर्श की सफलता से एक बात तो साफ हो जाती है कि अगर व्यक्ति कुछ भी करने की ठान ले और दृढ़ निश्चिय कर ले तो सफलता उससे दूर नहीं रह सकती। आदर्श कुमार का सफलता इसकी जीती-जागती मिसाल है। आदर्श कुमार का सफलता इसकी जीती-जागती मिसाल है, घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य को भेदने के लिए अडिगता से जी तोड़ मेहनत करते रहे। आदर्श की सफलता की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
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