हरियाणा सीईटी परीक्षा में अब सामाजिक-आर्थिक मानदंडों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत बोनस अंक शामिल नहीं होंगे। हरियाणा मंत्रिमंडल ने शनिवार को हाईकोर्ट के 31 मई के आदेश के बाद सामान्य पात्रता परीक्षा नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मंजूरी दी गई। हरियाणा सीईटी संशोधन ग्रुप सी और डी पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए लागू हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार संशोधित नीति को सामान्य पात्रता परीक्षा, (संशोधन) नियम, 2024 के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति कहा जाएगा।
बयान में कहा गया है, "संशोधनों के अनुसार, हरियाणा के वास्तविक निवासियों के लिए प्रदान किए गए सामाजिक आर्थिक मानदंडों के लिए 5 प्रतिशत वेटेज को हटा दिया गया है। उक्त संशोधन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार किए गए हैं।" बता दें कि मई में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ग्रुप सी और डी पदों के लिए सीईटी में राज्य के उम्मीदवार की सामाजिक आर्थिक स्थिति के आधार पर पांच प्रतिशत बोनस अंक देने की राज्य सरकार की नीति को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा
आपको बता दें कि जून में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के 31 मई के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी।
बयान में कहा गया है, "सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति, (संशोधन) नियम, 2024 पुलिस सेवा, जेल और होमगार्ड आदि के पदों सहित ग्रुप सी पदों पर सीधी भर्ती के लिए लागू होगी, जिसमें शिक्षण पद, भूतपूर्व अग्निवीर और ग्रुप डी के पद शामिल नहीं होंगे, जिनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिकुलेशन से कम है।"
बयान में कहा गया है, "इसके अलावा, संशोधन के बाद, अब कौशल और/या लिखित परीक्षा में बैठने के लिए पात्र उम्मीदवारों की अधिकतम संख्या आयोग द्वारा विज्ञापित कुल पदों की संख्या से दस गुना होगी। पहले, विज्ञापित पदों की संख्या के चार गुना उम्मीदवार ही परीक्षा देने के पात्र थे।"(With PTI input)
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