बैंगलोर से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर किया गया एक पोस्ट तेजी से वायरल हुआ है। इस पोस्ट में बैंगलोर के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज पर "प्लेसमेंट सेल शुल्क" के माध्यम से छात्रों के वेतन का 2.1% की मांग करने का आरोप लगाया गया है। 'बैंगलोर' रेडिट ग्रुप में लोगों ने इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स को लेकर ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी मात्रा मे शेयर किए। इसके बाद ये पोस्ट सोशल मीडिया पर बहुत तेज वायरल हो गया है। पोस्ट में यहा दावा किया गया है कि कॉलेज ने छात्र को एक कंपनी में प्लेसमेंट के बाद इसके लिए शुल्क देने को कहा और कॉलेज ने अब छात्रों के सर्टिफिक्ट्स को भी रोका के रखा है, जिससे कंपनी के साथ उसकी आगे की प्रक्रियाओं में कठिनाई हो रही थी।
'मौखिक रूप से कह रहे हैं केवल'
शुल्क के दावे का समर्थन करने के लिए कॉलेज द्वारा कोई आधिकारिक दस्तावेज या परिपत्र प्रदान नहीं किया गया था। पोस्ट में कहा गया है, "वे केवल मुझे मौखिक रूप से कह रहे हैं और मुझे भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं," छात्र ने कहा कि "अभी तक कमाई नहीं हुई थी। मैंने अभी स्नातक किया है लेकिन वे चाहते हैं कि मैं सीटीसी का 2.1% भुगतान करूं।" छात्रा ने आगे आरोप लगाया कि कॉलेज ने उसके सीनियर्स के साथ भी ऐसा ही किया, जिन्हें अलग-अलग कंपनियों में रखा गया था।
एक और यूजर ने किया अपना एक्सपीरिएंस शेयर
हालांकि, पोस्ट में कॉलेज का नाम नहीं बताया गया है। एक अन्य उपयोगकर्ता ने अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा, "वह यहां से ग्रेजुएट हुआ है और प्लेसमेंट के लिए कभी नहीं बैठा, लेकिन फिर भी कुछ समान भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसे कॉलेज ने 'प्लेसमेंट प्रशिक्षण शुल्क' कहा।"
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