नई दिल्ली: दिल्ली के बच्चों की प्रतिभा उभारने के लिए एक और 'स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस' शुरू किया जा रहा है। इसी वर्ष से छात्र इसमें एडमिशन ले सकेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक बच्चों की प्रतिभा उभारने के लिए अलग-अलग स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। गुरुवार को शुरू किए गए इस स्कूल में इंजीनियरिंग,मेडिकल, आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई होगी। सीएम ने कहा कि अभी दिल्ली हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग बनी है। वो बहुत ही शानदार बिल्डिंग बनी है। जिस आर्किटेक्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की शानदार बिल्डिंग बनाई है, उसी ने यह स्कूल भी बनाया है। वो दिल्ली का सबसे बड़ा आर्किटेक्ट है।
4,400 सीटों पर एडमिशन के लिए 96 हजार आवेदन
स्कूल में 45 क्लास रूम बने हैं, यह स्कूल करीब 8600 वर्ग मीटर में फैला है और पूरी बिल्डिंग में 112 रूम हैं। जिसमे 45 क्लास रूम, 8 लैब्स, 1 लाइब्रेरी, एक मल्टी परपज हॉल, 13 अधिकारी और स्टाफ रूम, 26 शौचालय, 5 सीढ़ियां और 2 लिफ्ट हैं। सीएम के मुताबिक दिल्ली के एक्सीलेंस स्कूलों की 4,400 सीटों पर दाखिला के लिए 96 हजार आवेदन आए हैं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में 1600 बच्चे प्राइवेट स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के तहत नवनिर्मित स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भारत के इतिहास में इससे पहले इतना शानदार सरकारी स्कूल हमारे देश में कहीं भी बनाया गया हो। शायद 75 साल में पहली बार सरकारी स्कूल इतना शानदार बनाया गया है।
जानिए CM केजरीवाल ने क्या कहा
सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमारे समाज में एक गलत सोच भी बन गई थी। हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी। जिसके पास पैसे हैं, वो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में भेजते थे। जो लोग गरीब हैं, वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। सरकारी स्कूल पढ़ाई के नाम पर जीरो थे इसलिए गरीब का बच्चा बड़ा होकर मजदूर, रिक्शेवाला बनता था और वो गरीब ही रह जाता था। वहीं, अमीरों के बच्चे बड़े होकर इंजीनियर, डॉक्टर बनते थे। आज दिल्ली के गरीब बच्चों ने दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं है। वो भी इंजीनियर और डॉक्टर बन सकते हैं। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के 400 से ज्यादा बच्चों ने जेईई पास किया है। 400 से ज्यादा बच्चों ने नीट क्लीयर किया है। इतने बच्चों को डॉक्टरी और इंजीनियरिंग में एडमिशन हो रहा है। अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे बहुत ही फर्राटेदार इंगलिश बोलते हैं कि 12वीं पास करने के बाद मेरी भी इतनी अच्छी अंग्रेजी नहीं थी। आज भी मेरी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है, जितनी हमारे स्कूलों के बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं।
दिल्ली में स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 30 से ज्यादा स्कूल
बता दें कि दिल्ली में एक नया कॉन्सेप्ट शुरू किया गया है, जहां स्पेशल टॉपिक पर पढ़ाई होगी। हर बच्चे कुछ न कुछ स्पेशल है। कोई मैथ, कोई केमेस्ट्री, तो कोई खेल में अच्छा होता है। अलग-अलग बच्चों की प्रतिभा को उभारने के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट के उपर स्पेशलाइज्ड स्कूल बनाए जा रहे हैं। गुरुवार को शुरू किए गए इस स्कूल में इंजीनियरिंग, मेडिकल, ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की हाई इंड स्कील्स (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईईटी, कम्यूटर) की पढ़ाई कराई जाएगी। इन क्षेत्रों में जिन बच्चों की रूचि है, वो बच्चे यहां पर दाखिला लेंगे। यहां 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की कक्षाएं चलेंगी। पूरे दिल्ली में स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 30 से ज्यादा स्कूल हैं। उनमें इस बार 4400 सीटों पर बच्चों को दाखिला लेना है। 4400 सीटों के लिए करीब 96 हजार आवेदन आए हैं।