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क्या बंद होने वाली है UGC और AICTE? केंद्र सरकार कर रही एक कमीशन बनाने की तैयारी

UGC, AICTE और NCTE को लेकर सरकार एक बड़े तैयारी में है। जल्द ही इन नियामक को सरकार खत्म कर सकती है। और HECI ला सकती है। इसे लेकर सरकार संसद में बिल लेकर आएगी।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: October 13, 2023 13:16 IST
UGC- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO केंद्र सरकार जल्द ही HCEI कमीशन को लेकर एक बिल लाएगी।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत केंद्र सरकार देश में एजुकेशन क्वालिटी सुधारने के लिए कई बड़े बदलाव करने की ओर बढ़ रही है। सरकार 78 साल पुराने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE), 67 साल पुराने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC), और 28 साल पुरानी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) को खत्म कर हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेगुलेटिंग बॉडी बनाने की तैयारी कर रही है, जो सभी के कामकाज संभालेगी। सरकार इसे हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) नाम देगी।

 
मेडिकल और लॉ कॉलेजों रहेंगे बाहर

इस कमीशन के दायरे में सिर्फ मेडिकल और लॉ कॉलेजों नहीं आएंगे। अभी लागू सिंगल हायर एजुकेशन रेगुलेटिंग बॉडी की योजना लंबे समय से विचाराधीन है, लेकिन हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि जल्द ही इसके लिए एक बिल संसद में पेश किया जाएगा। ये बिल यूजीसी, AICTE और NCTE की जगह लेगा और सिंगल रेगुलेटिंग बोर्ड की तरह कार्य करेगा। ये केवल मेडिकल और लॉ कॉलेजों पर लागू नहीं होगा।

जल्द ही संसद में होगी पेश

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, "हम जल्द ही संसद में HECI विधेयक पेश करेंगे। उसके बाद स्थायी समिति की भी जांच की जाएगी, हमने हर चीज के लिए व्यापक तरीके से काम शुरू कर दिया है। इसके 3 मुख्य कार्यक्षेत्र हैं। पहली भूमिका नियामक की है, जो यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) करता है। इसने पहले ही अपने लेवल पर कई आंतरिक सुधार शुरू किए हैं।" उन्होंने कहा कि HECI रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और प्रोफेशनल स्टैंडर्ड को बनाए रखने पर जोर देगा। वहीं, चौथा वर्टिकल यानी फंडिंग इससे अलग होगा और इसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक मंत्रालय के पास ही रहेगी।

क्या होंगे फायदे? 

हायर एजुकेशन के लिए एक रेगुलेटिंग बॉडी होने के कई फायदे हो सकते हैं। पहला कि यह देश में एक आदर्श एजुकेशन सिस्टम स्थापित करेगा। दूसरा, इससे सरकार को इन संस्थानों के काम को देखना आसान हो जाएगा। तीसरा, यह सुनिश्चित करेगा कि ये संस्थान गाइडलाइन और रेगुलेशन का पालन करें। चौथा, इन संस्थानों के कामकाज में ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देगा। जानकारी दे दें कि कि हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल (HECI Bill) 2018 में पेश किया गया था। हालाँकि, इसे NEP 2020 के आने के साथ अंतिम रूप दिया गया था। वहीं, साल 2021 में इसे पेश करने का कदम उठाया गया। इसके बाद अब इस विधेयक को पार्लियामेंट की शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी की जा रही है।

(इनपुट-भाषा)

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