यूपी-पीसीएसजे (मुख्य) 2022 परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी UPPSC को बड़ा आदेश दिया है। Live Law की एक रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग को याचिकाकर्ताओं की विवादित मूल उत्तर पुस्तिकाओं को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आयोग को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी याचिकाकर्ताओं के अंक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएं ताकि वे उन्हें दिखाई दे सकें।
जानकारी दे दें कि यह निर्देश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की पीठ द्वारा 6 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया। हाईकोर्ट के इस फैसले से न केवल उम्मीदवारों को राहत मिली है। अब इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर 2024 है।
पूरा मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से जारी किए गए PCS J 2022 की मुख्य परीक्षा को लेकर विवाद की शुरुआत तब हुई जब कुछ उम्मीदवारों ने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया। यह मामला तब हाईकोर्ट पहुंचा जब एक अभ्यर्थी ने रिट याचिका दायर की थी। आरोप लगा था कि आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई है और अंक बदले गए हैं। अदालत ने जब मामले में कमीशन से डिटेल्ड जानकारी मांगी तो पता चला कि करीब दर्जनभर से अधिक कैंडिडेट्स के परिणाम में गड़बड़ी हुई है।
इसके बाद आयोग ने बकायदा हलफनामा दाखिल करके उच्च न्यायालय में गलती को स्वीकार किया। इसके बाद ही पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा के नतीजों से बाहर हुए कई उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय का रूख किया और याचिकाएं दायर कीं।
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