अगर आप इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट या फॉर्मेसी आदि टेक्निकल कोर्स कर रहे हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की साबित हो सकती है। बता दें कि अब ऑर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी जैसे कोर्सों के छात्र एकेडमिक ईयर 2023-24 की वार्षिक परीक्षा भारतीय भाषाओं में दे सकेंगे। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सचिव प्रो. राजीव कुमार के मुताबिक, ग्रेजुएट कोर्स व डिप्लोमा स्टूडेंट्स को अब क्षेत्रीय भाषाओं में पेपर देने की सुविधा मिलने जा रही है।
पेपर तैयार करने का मिला निर्देश
टेक्निकल बोर्ड ने कॉलेजों में भारतीय भाषाओं में पढ़ाई के बाद क्षेत्रीय भाषाओं में ही पेपर देने की सुविधा छात्रों को मुहैया कराने का फैसला किया है। इसके लिए टेक्निकल कॉलेजों को पत्र लिखकर क्षेत्रीय भाषाओं में पेपर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कॉलेज एक स्थानीय भाषा चुनने का विकल्प दिया गया हैं। इसके अलावा, एक अतिरिक्त भाषा में हिंदी, अंग्रेजी या अन्य हो सकती है। माना जा रहा कि इसका फायदा दूरदराज, ग्रामीण इलाकों के छात्रों को अधिक मिलेगा।
बेहतर दे सकेंगे जवाब
जानकारों का मानना है कि कोई भी स्टूडेंट अपनी भाषा में बेहतर तरीके से सवालों का जवाब दे सकता है। अपनी भाषा में पेपर होने से छात्र उसे बेहतर समझते हुए उसका अच्छे से उत्तर लिख सकता है। इससे उसकी परीक्षा मूल्यांकन में बेहतर प्रगति होगी। जानकारों ने आगे बताया कि अक्सर देखा गया है कि छात्र परीक्षा में फेल होने के डर से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं, पर अब जब छात्रों को अपनी स्थानीय भाषा में पेपर देने का मौका मिलेगा तो वे आंसर अच्छी तरह लिख सकेंगे।
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