Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. UP में 891 मेडिकल छात्र सस्पेंड, बिना NEET के हुआ था एडमिशन

UP में 891 मेडिकल छात्र सस्पेंड, बिना NEET के हुआ था एडमिशन

काउंसिलिंग का ठेका एक निजी एजेंसी को दिया गया। आयुर्वेद निदेशालय के अफसरों को इसके निगरानी की जिम्मेदारी दी गई। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर घोटाला हो गया। सीएम योगी ने कार्रवाई के आदेश दिए। CBI जांच के आदेश के बाद आयुष घोटाले में बड़ा एक्शन लिया गया। एक-एक सीट पर 5-5 लाख रुपये में एडमिशन हुए थे।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Nov 08, 2022 19:21 IST, Updated : Nov 08, 2022 19:21 IST
CM Yogi Adityanath
Image Source : FILE PHOTO (PTI) CM Yogi Adityanath

यूपी के मेडिकल कॉलेज में एक फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए एक्शन लिया गया है। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेजों में फर्जी एडमिशन मामले को लेकर कार्रवाई हुई है। यहां बिना NEET एग्जाम दिए छात्रों को एडमिशन दे दिया गया था। बता दें कि मामले में 891 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है। कॉलेजों के बाहर इन छात्रों के नाम सस्पेंशन की नोटिस लगा दी गई है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने छात्रों को लेकर नरम रूख अख्तियार किया है। उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि निलंबित छात्रों के खिलाफ FIR या अन्य कोई सख्त कार्रवाई न की जाए। गौरतलब है, इससे पहले सोमवार देर शाम योगी सरकार ने मामले को CBI के पास भेज दिया था।

मामले पर यूपी के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ने कहा, "जिन छात्रों का एडमिशन गलत तरीके से हुआ था, उन सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर डॉ. एसएन सिंह और उमाकांत यादव, प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय को भी सस्पेंड किया गया है। बता दें, यूनानी निदेशालय के प्रभारी अधिकारी डॉ. मोहम्मद वसीम और शिक्षण होम्योपैथी निदेशालय के कार्यवाहक संयुक्त निदेशक प्रो. विजय पुष्कर पर भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

मामले में कब दर्ज हुआ FIR?

बता दें कि मामले की जानकारी होने पर 4 नवंबर को सबसे पहले हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज हुआ था। इसके बाद मामला खबरों में आया। चूंकि मामला छात्रों से जुड़ा था। इसलिए सरकार ने भी गंभीरता दिखाते हुए जांच STF को सौंप दी।

5-5 लाख रुपये में बिकी सीटें

खबरों के मुताबिक, प्रदेश के आयुष कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया महज एक दिखावा थी। इसमें NEET-UG मेरिट का भी कोई मतलब नहीं था। धांधलेबाजों ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी पाठ्यक्रमों की एक-एक सीटों की सौदेबाजी कर ली। खबरों के मुताबिक, धांधलेबाजों ने एक-एक सीट की 5-5 लाख रुपये में सौदा किया गया। इस तरह करोड़ों रुपये काउंसिलिंग में घोटले हो गए। और किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी। मामले की खबर लगने से अब इसमें निदेशालय के अफसरों और काउंसिलिंग एजेंसी की भूमिका संदिंग्ध है।

डेटा बेस और वेबसाइट से भी छेड़छाड़

सूत्रों के मुताबिक, निजी एजेंसी ने NEET के डेटा बेस से पहले छेड़छाड़ हुई फिर इसके बाद वेबसाइट में भी छेड़छाड़ की गई। DGME ऑफिस से मिले डेटा बेस और निजी एजेंसी के रिकॉर्ड में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिली है। जांच हुई तो निजी एजेंसी संचालक ने DGME ऑफिस से मिली हार्ड डिस्क की RDBD भी खराब कर दी गई। 8 राजकीय आयुर्वेद कॉलेजों में लगभग 400 सीटें हैं। 68 निजी कॉलेजों में अभी करीब साढ़े 4 हजार सीटें हैं। प्राइवेट कॉलेजों के लिए करीब 2 लाख रुपये सालाना फीस तय है जबकि सरकारी कॉलेजों की 14 हजार रुपये सालाना फीस है।

क्या है पूरा मामला ? 

गौरतलब है, साल 2021-22 में काउंसिलिंग के लिए आयुर्वेद निदेशालय ने एक बोर्ड का गठन किया था। चूंकि विभाग के पास अपनी IT सेल नहीं थी इसलिए बोर्ड की निगरानी के लिए निजी एजेंसी सॉफ्ट सॉल्यूशन को काउंसिलिंग को टेंडर दिया गया। बता दें कि इस एजेंसी को अपट्रान पावरट्रानिक्स लिमिटेड ने नोमिनेट किया था। इसके बाद 1 फरवरी 2022 से शुरू हुई काउंसिलिंग की प्रक्रिया 19 मई तक 4 चरणों में पूरी की गई। यूपी के राजकीय और निजी कॉलेजों में 7,338 सीटों पर एडमिशन हुए थे। काउंसिलिंग से लेकर ‌वेरीफिकेशन तक की जिम्मेदारी इसी निजी एजेंसी को दी गई थी। एडमिशन के बाद सीट अलॉटमेंट भी कर दिया गया। इनमें से 1,181 छात्रों के रिकॉर्ड NEET काउंसिलिंग की मेरिट सूची से मैच नहीं हुए। जब जांच हुई तो पता चला कि इनमें से 22 छात्र ऐसे थे जो NEET में शामिल ही नहीं हुए। 1,181 में से 927 को सीट अलॉट किया गया था। इनमें से 891 उम्मीदवारों ने एडमिशन ले लिया, इन्हीं छात्रों पर एक्शन लिया गया है।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement