नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति (पीएमएस) योजना के बजट को बढ़ाया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने पिछले वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना की समीक्षा करते हुए बताया कि सरकार ने इसके लिए 4,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। कटारिया के मुताबिक इनमें सबसे अधिक 892.36 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के लिए है। इसके बाद महाराष्ट्र को 558 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 450 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति के युवाओं को उच्च शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का बजट बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत फंडिंग पैटर्न को केंद्र और राज्यों के बीच एक निश्चित शेयरिंग पैटर्न 60:40 में बदल दिया गया है। इससे योजना में सरकार की प्रतिबद्धता लगभग चार गुना बढ़ गई है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 2025-26 तक 35,534 करोड़ रुपये जारी करने की तैयारी की है।
एक अनुमान के मुताबिक इस अवधि के दौरान एससी समुदाय के 4 करोड़ युवा इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा सरकार ने डीबीटी प्रणाली का उपयोग करके छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी से बचने के लिए कई प्रक्रियागत सुधार की हैं।