Thursday, September 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. 'अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई जमीन है मेरी...', दिल्ली की महिला ने किया दावा, इस्लामिक ट्रस्ट ने क्या दिया जवाब?

'अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई जमीन है मेरी...', दिल्ली की महिला ने किया दावा, इस्लामिक ट्रस्ट ने क्या दिया जवाब?

दिल्ली की महिला ने दावा किया है कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जो जमीन दी गई है। वह उसकी है। इस जमीन को पाने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। महिला के इस दावे के बाद इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने भी बयान जारी किया है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: July 28, 2024 18:07 IST
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का मॉडल- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का मॉडल

दिल्ली की एक महिला रानी पंजाबी ने दावा किया कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए निर्धारित जमीन उसके परिवार की है। वह इस पर कब्जा पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। रानी पंजाबी के इस दावे के बाद अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई जमीन को लेकर हलचल मच गई है।

रानी पंजाबी के दावों पर क्या बोला मस्जिद का ट्रस्ट

हालांकि, मस्जिद के निर्माण के लिए गठित इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रमुख जुफर फारूकी ने रानी पंजाबी के दावों का खंडन किया है। ट्रस्ट के प्रमुख जुफर फारुकी ने कहा कि रानी पंजाबी के दावों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2021 में ही खारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने बताया कि मस्जिद के निर्माण सहित पूरी परियोजना पर काम इस साल अक्टूबर से शुरू होगा।

जमीन के स्वामित्व के हैं सभी दस्तावेज- महिला

बता दें कि दिल्ली की रहने रानी पंजाबी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के बाद अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को प्रशासन द्वारा दी गई पांच एकड़ जमीन उनके परिवार की 28.35 एकड़ जमीन का हिस्सा है। रानी ने बताया कि उनके पास जमीन के स्वामित्व के सभी दस्तावेज हैं। वह अपनी जमीन पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। 

महिला के पिता पाकिस्तान के पंजाब से आ गए थे फैजाबाद

रानी के अनुसार, उनके पिता ज्ञान चंद पंजाबी को आजादी के समय विभाजन के बाद पाकिस्तान के पंजाब छोड़ना पड़ा था। पाकिस्तान से वे फैजाबाद (अब अयोध्या जिला) आ गए थे। जहां उन्हें 28.35 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। 

1983 तक इस जमीन में पिता करते थे खेती

उन्होंने कहा कि उनका परिवार 1983 तक खेती के लिए जमीन का इस्तेमाल करता था। जब उनके पिता की तबीयत खराब हो गई तो परिवार पिता के इलाज के लिए दिल्ली आ गया। उन्होंने दावा किया कि तब से जमीन पर धीरे-धीरे अतिक्रमण होता रहा। रानी का कहना है कि उन्हें मस्जिद के निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह चाहती हैं कि प्रशासन उनके साथ न्याय करे। इस्लाम में किसी भी विवादित भूमि पर मस्जिद बनाना जायज नहीं है।

कुछ छोटे-मोटे मुद्दे, उन्हें सुलझाया जा रहा- ट्रस्ट 

इसी मामले पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष व मस्जिद के ट्रस्टी प्रमुख जुफर फारूकी ने कहा, 'परियोजना में कोई बाधा नहीं है। जहां तक ​​भूमि पर महिला के दावे का सवाल है। वह इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहले ही 2021 में इसे खारिज कर चुका है। कुछ छोटे-मोटे मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाया जा रहा है और उम्मीद है कि अक्टूबर तक मस्जिद बनने की परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।

पीटीआई के इनपुट के साथ

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement