Highlights
- हम विधेयक का अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे अदालत में चुनौती देंगे- केजरीवाल
- वार्ड की संख्या कम करने का क्या मतलब है?- केजरीवाल
- 'एमसीडी विधेयक केवल नगर निगम चुनाव में देरी करने की मंशा से लाया गया है'
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह शहर के तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इसे अदालत में चुनौती देंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली का बजट पेश करने के बाद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा।
वर्तमान में दिल्ली में तीन नगर निगम- उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) हैं, जिनमें कुल 272 वार्ड हैं। एनडीएमसी और एसडीएमसी, प्रत्येक में 104 वार्ड हैं, जबकि ईडीएमसी में 64 वार्ड हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में तीनों नगर निगमों का आपस में विलय कर उन्हें एक एकीकृत इकाई बनाने संबंधी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के इन दावों के बीच पेश किया गया कि यह कदम संसद की विधायी क्षमता से परे है। विधेयक में कुल वार्ड की संख्या 272 से घटाकर 250 करने का भी प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एमसीडी विधेयक केवल (नगर निगम) चुनाव में देरी करने की मंशा से लाया गया है। वार्ड की संख्या कम करने का क्या मतलब है। हम विधेयक का अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे अदालत में चुनौती देंगे।’’
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश हुआ। लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया। नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक से नगर निगम दिल्ली में एकरूपता, ठोस नीति और कर्मचारियों के वेतन भुगतान जैसी समस्याओं का समाधान होगा और यह विधेयक दिल्लीवासियों के हित में है। फिलहाल दिल्ली में तीन निगमों - उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें हैं।
दिल्ली नगर निगम (संशोधन विधेयक) के जरिए दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक कर दिया जाएगा। विधेयक के अनुसार दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उनमें सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और जब तक विलय कानून के तहत निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में 'असमान' था। 2011 में दिल्ली में तीन नगर निगमों का गठन किया गया था, तब से 2022 तक तीनों की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है।