नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि आज खत्म हो रही है। वे एक बार फिर तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे चले जाएंगे। उन्होंने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए मेडिकल ग्राउंड के आधार पर हफ्ते भर की मोहलत मांगी थी लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उनकी याचिका पर 5 जून तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया। हालांकि अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया और यह दावा किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को इंडिया गठबंधन उखाड़ फेंकेगा।
ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल की दो याचिकाएं
बता दें कि उनकी अंतरिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को मंजूरी दी थी जिससे उनके तिहाड़ से बाहर निकलने का रास्ता साफ हुआ था। उधर, केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। एक याचिका में नियमित जमानत की मांग की गई है जबकि दूसरी याचिका में मेडिकल ग्राउंड पर अंतिरम जमानत मांगी गई है। उनकी नियमित जमानत याचिका पर 7 जून को सुनवाई होनी है। वहीं उनके मित्र और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लंबे समय से जेल में हैं और उनकी जमानत अर्जी खारिज हो जा रही है। ऐसे में यह सवाल अहम है कि कहीं अरविंद केजरीवाल का हाल भी मनीष सिसोदिया जैसा तो नहीं हो जाएगा?
आसान नहीं है राहत मिलना
दरअसल, अरविंद केजरीवाल जिस शराब घोटाले के मामले में फंसे हुए हैं और उससे राहत मिलना आसान नहीं है। क्योंकि जांच एजेंसी ईडी कोर्ट में अपनी दलीलों में कई बार यह दावा कर चुकी है कि इस पूरे घोटाले के मास्टर माइंड अरविंद केजरीवाल हैं। इस घोटाले से जो भी पैसा आया उसे आम आदमी पार्टी ने गोवा के चुनाव में खर्च किया। वहीं जब दिल्ली की शराब नीति बनाई जा रही थी तब अरविंद केजरीवाल का हर उस शख्स से संपर्क था जो इस घोटाले में फंसा हुआ है।
एक साल से ज्यादा समये से जेल में हैं मनीष सिसोदिया
जांच एजेंसी के मुताबिक बीआरएस की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से जब पूछताछ हुई थी तब उन्होंने भी अरविंद केजरीवाल का नाम लिया था। उन्होने कहा था कि मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और के कविता के बीच इस पूरे मामले को लेकर एक राजनीतिक समझ बनी हुई थी। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत याचिका भी शीर्ष अदालत से खारिज हो चुकी है।
आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया
ईडी ने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है। पहली बार पीएमएलए के तहत किसी दल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने अदालत को बताया है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी इस घोटाले से जुड़े हुए हैं। ईडी के गंभीर आरोपों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को तुरंत राहत मिलने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं। जिस तरह मनीष सिसोदिया एक साल से भी ज्यादा समय से जेल में हैं उसी तरह से अरविंद केजरीवाल को भी जेल में लंबा वक्त गुजारना पड़ सकता है।