Thursday, December 19, 2024
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हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट नहीं हटाने को लेकर Twitter को दिल्ली HC ने लताड़ा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक हिंदू देवी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित करने वाले अकाउंट के विरुद्ध खुद से कार्रवाई नहीं करने पर सोमवार को ट्विटर (Twitter) की खिंचाई करते हुए कहा कि माइक्रो ब्लॉगिंग मंच दुनिया के ‘अन्य क्षेत्रों’ और नस्लों के लोगों की संवेदनशीलता को लेकर चिंतित नहीं है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : March 29, 2022 12:44 IST
Why can't you block account posting offensive content on Hindu goddess? Delhi HC asks Twitter
Image Source : INDIA TV Why can't you block account posting offensive content on Hindu goddess? Delhi HC asks Twitter 

Highlights

  • कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वह बताए कि वह अकाउंट को कैसे ब्लॉक करता है?
  • अमेरिकी कंपनी ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने रखा अपना पक्ष

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को ट्विटर प्रबंधन को जमकर लताड़ लगाई। अदालत ने पूछा कि जब आप संवेनशीलता और अपनी नीतियों का हवाला देते हुए आपत्तिजनक ट्वीट को हटाते हैं तो वही नियम हिंदू देवी देवताओं के बारे में अभद्र टिप्पणी पर क्यों नहीं करते? दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक हिंदू देवी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित करने वाले अकाउंट के विरुद्ध खुद से कार्रवाई नहीं करने पर सोमवार को ट्विटर (Twitter) की खिंचाई करते हुए कहा कि माइक्रो ब्लॉगिंग मंच दुनिया के ‘अन्य क्षेत्रों’ और नस्लों के लोगों की संवेदनशीलता को लेकर चिंतित नहीं है। 

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की पीठ ने ‘एथीइस्ट रिपब्लिक’ नाम के अकाउंट द्वारा मां काली पर कथित रूप से बेहूदा पोस्ट करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्विटर को निर्देश दिया कि वह बताए कि वह अकाउंट को कैसे ब्लॉक करता है। पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि इस तरह के उदाहरण हैं जब लोगों के अकाउंट को सोशल मीडिया मंच पर ब्लॉक किया गया है।

पीठ ने यह भी कहा कि अगर इस तरह की घटना किसी और धर्म के साथ हुई होती तो सोशल मीडिया मंच और अधिक सावधान और संवेदनशील होता। पीठ ने कहा कि यह आखिरकार इस बात को कमतर करता है कि आप लोगों की भावनाओं को लेकर संवेदनशील हैं और सामग्री को लेकर आप उन्हें ब्लॉक करेंगे। इस पीठ में न्यायमूर्ति नवीन चावला भी शामिल हैं। 

पीठ ने कहा, “ आप दुनिया के अन्य क्षेत्रों और नस्लों के लोगों की संवेदनशीलता को लेकर चिंतित नहीं हैं । हम यह कहते हैं कि अगर इस तरह की चीज़ें अन्य धर्म के संबंध में हुई होती तो आप ज्यादा सावधान और संवेदनशील होते।” अमेरिकी कंपनी ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उसने मौजूदा मामले में आपत्तिजनक सामग्री को हटा दिया है और पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

उन्होंने कहा कि ट्विटर अदालत के आदेश के अभाव में "किसी व्यक्ति को ब्लॉक नहीं कर सकता है" और कथित आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता है। इस पर अदालत ने पूछा, “अगर यह तर्क है तो आपने श्री (डोनाल्ड) ट्रंप को क्यों ब्लॉक किया था?” अदालत ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया ट्विटर का यह रुख कि वह अकाउंट को ब्लॉक नहीं कर सकता, "पूरी तरह से सही नहीं है"। 

अदालत ने कहा कि चूंकि मौजूदा मामले में कथित आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के संबंध में ट्विटर ने अदालत के पहले के प्रथम दृष्टया दृष्टिकोण पर आपत्ति नहीं जताई, इसलिए सोशल मीडिया मंच को अपने आप कार्रवाई करनी चाहिए थी। पीठ ने कहा, “हम इस तथ्य को संज्ञान में ले सकते हैं कि प्रतिवादी संख्या तीन (ट्विटर) ने समय-समय पर कुछ व्यक्तियों के अकाउंट को ब्लॉक किया है। हम प्रतिवादी संख्या तीन को अदालत के समक्ष वह नीति और परिस्थितियों को प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं जिनके तरह की कार्रवाई की जाती हैं।” केंद्र सरकार के वकील हरीश वैद्यनाथन ने कहा कि जिन ट्विटर अकाउंट के खिलाफ शिकायतें मिलती हैं, उन्हें ब्लॉक करने की एक प्रक्रिया है। 

अदालत ने केंद्र को मौजूदा मामले में सामग्री की जांच करने और यह तय करने का निर्देश दिया कि क्या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अकाउंट को ब्लॉक करने की जरूरत है। अदालत ने ट्विटर, केंद्र सरकार के साथ-साथ ‘एथिइस्ट रिपब्लिक’ को अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया और ट्विटर उपयोगकर्ता के इस वचन को रिकॉर्ड पर लिया कि वह इस बीच इस तरह की कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं करेगा। 

‘एथीइस्ट रिपब्लिक’ के वकील ने कहा कि उसे सुने बिना उसके अकाउंट को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देशवाल ने कहा कि ट्विटर उपयोगकर्ता को "सभी धर्मों के खिलाफ हास्यास्पद सामग्री" डालने और आदतन अपराधी होने के लिए ब्लॉक किया जाना चाहिए। (इनपुट- भाषा)

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