नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली के नागरिकों को इलाज कराने के लिए इन 7 आईडी प्रूफ में से कोई एक दिखाना होगा। जिसके बाद ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज का फैसला लिया है। केजरीवाल सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि इलाज कराने के लिए इन 7 आईडी प्रूफ डॉक्यूमेंट में से कोई एक को दिखाना अनिवार्य होगा, जिसके बाद इलाज की सुविधा मिलेगी।
दिल्ली सरकार ने गाइडलाइंस जारी करते हुए सात तरीके बताए हैं जिनके जरिए आप प्रूफ दे सकते हैं कि आप दिल्ली के नागिरक हैं। जानिए दिल्ली सरकार ने पहचान पत्रों (आईडी प्रूफ) की जो लिस्ट जारी की है, उनमें क्या-क्या शामिल है।
ये हैं वो 7 आई प्रूफ डॉक्यूमेंट, कोई एक दिखाएं इलाज कराएं
- दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड
- किसान कार्ड, पोस्ट ऑफिस पासबुक
- मरीज का राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इनकम टैक्स रिटर्न, पासपोर्ट
- नए पानी, बिजली, टेलीफोन, गैस कनेक्शन बिल (पेशेंट के नाम पर या फिर उनके माता-पिता के नाम पर)
- पोस्ट ऑफिस से प्राप्त किया हुआ कोई लेटर जिसमें मरीज के घर का पता हो
- अगर कोई बच्चा है या नाबालिग है तो उसके माता-पिता के कागजात
- 7 जून 2020 से पहले का आधारकार्ड जिसमें दिल्ली का पता हो। यानी अगर आप अब आधार कार्ड में पता चेंज करवाते हैं तो भी आप दिल्ली सरकार के अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पाएंगे।
इनको हो सकती है बड़ी दिक्कत
हांलाकि, केजरीवाल के इस फैसले से अब बाहरी लोगों को दिल्ली में इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली में रह रहे कई लोगों के पास दिल्ली का कोई भी आई प्रूफ डॉक्यूमेंट नहीं है जिससे वे दिल्ली के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकें।
दिल्ली में आज से मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थान खोले गए
आज सोमवार (8 जून) से दिल्ली बॉर्डर खोल दिए गए हैं। साथ ही आज से दिल्ली में मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थान खोल दिए गए हैं। बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा फैसला करते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पताल और प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल में बाहरी लोगों का इलाज नहीं होगा। हालांकि, प्रदेश में केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा।