नई दिल्ली: जेल से दिल्ली सरकार चलाने के अरविंद केजरीवाल के मंसूबों पर कटाक्ष करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि जब अरविंद केजरीवाल के पास कोई विभाग ही नहीं है, उन्होंने खुद कोई विभाग अपने पास रखा ही नहीं है तो फिर वो कौन सी फाइल जेल में मंगवा कर उस पर साइन करेंगे। तिवारी ने कहा कि वह तो फाइल साइन करते ही नहीं।
'केजरीवाल ने खुद ही मान लिया है कि वह अपराधी हैं'
मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल पर विधानसभा के पवित्र फ्लोर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने विधायकों की बैठक बुलाकर केजरीवाल ने फिर से विक्टिम कार्ड खेलने और दिल्ली की जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है। तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने अपने विधायकों को बुलाकर दिल्ली को प्रदूषण से बचाने पर चर्चा नहीं की, बल्कि चर्चा कर यह प्रस्ताव पारित करवाया कि जेल जाने पर भी वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने खुद ही यह मान लिया है कि वह अपराधी हैं, इसलिए जेल जाने से पहले वहां विदाई लेने गए थे। भाजपा सांसद ने कहा कि दिल्ली की जनता सब देख रही है और सही समय पर जवाब देगी।
अचानक बुलाई AAP विधायकों की बैठक
गिरफ्तारी की चर्चाओं के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अचानक से AAP के विधायकों की बैठक बुलाई थी। यह बैठक दिल्ली विधानसभा में हुई। बता दें कि ED ने 30 अक्टूबर को एक नोटिस भेजकर अरविंद केजरीवाल को 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्हें दिल्ली शराब घोटाले में समन भेजा गया था। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने ED के इस समन को गैरक़ानूनी बताया था और जांच एजेंसी के सामने पेश होने से साफ इनकार कर दिया था।
कौन चलाएगा सरकार?
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी ने बैठक के बाद बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा- "आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और AAP विधायकों की बैठक हुई जिसमें नेताओं की एकमत राय थी कि भले ही मोदी सरकार अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर ले, लेकिन उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए। दिल्ली के लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है, चाहे उन्हें जेल भेज दिया जाए, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे। जरूरत पड़ेगी तो हम अदालत जाएंगे। अगर तिहाड़ जेल में होंगे, तो हम वहां कैबिनेट बैठक करेंगे, अदालत से जेल में फाइलें भेजने की अनुमति लेंगे।"
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