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बृजभूषण के खिलाफ दायर चार्जशीट में क्या है; कितनी सजा का प्रावधान, गिरफ्तारी क्यों नहीं

आज दिल्ली पुलिस ने WFI के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। बृजभूषण के खिलाफ इस आरोपपत्र में क्या है, कौनसी धाराएं जोड़ी गई हैं और कितना सजा का प्रावधान है, इस सबके बारे में बताएंगे।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Swayam Prakash Published on: June 15, 2023 18:12 IST
Brij Bhushan- India TV Hindi
Image Source : PTI WFI के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह

दिल्ली पुलिस ने आज यौन उत्पीड़न के अपराधों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। चार्जशीट दाखिल करते हुए दिल्ली पुलिस ने एक नाबालिग पहलवान द्वारा बृजभूषण के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश की और कहा कि कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। अब हम आपको बताएंगे कि इस एक हजार पन्नों की में क्या है, बृजभूषण पर कौन सी धाराएं लगी हैं और उनपर कितनी सजा का प्रावधधान है। इसक साथ ही हम ये भी बताएंगे कि बृजभूषण की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। 

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में क्या है?

दिल्ली पुलिस ने 6 बालिग महिला पहलवानों के 164 के बयानों (मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान) के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC 354, 354A, 354D के तहत दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इसी मामले में बृजभूषण के साथ सह-आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ IPC 109, 354, 354A, 506 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। ये चार्जशीट करीब 1 हजार पन्नो से ज्यादा की है। ये चार्जशीट महिला पहलवानों के बयानों और करीब 21 से 25 अन्य गवाहों के बयानों पर आधारित है। इस चार्जशीट में महिला पहलवानों द्वारा SIT को मुहैया करवाये गए फ़ोटो और अन्य डिजिटल एविडेंस पेन ड्राइव के जरिये कोर्ट को मुहैया करवाये गए हैं। ये चार्जशीट राऊज एवेन्यु कोर्ट में ड्यूटी एमएम के सामने पेश की गई, जिस पर 22 जून को CMM कोर्ट में सुनवाई होगी। 

नाबालिग पहलवान ने वापस लिए यौन शोषण के आरोप
ये भी सामने आया है कि पॉक्सो के तहत नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज करवाई गई FIR में पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसीलेशन रिपोर्ट दायर की गई। सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग महिला पहलवान और उसके पिता ने यौन शोषण के अपने आरोप वापस ले लिए थे। सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग महिला पहलवान ने बयान वापस लेते हुए दलील दी कि मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था, मैंने बहुत मेहनत की थी, मैं डिप्रेशन में थी, इसीलिए गुस्से में यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था। अब इस मामले पर पटियाला हाउस कोर्ट में 4 जुलाई को सुनवाई होगी।

बृजभूषण पर कौनसी धाराएं और कितनी है सजा?

  1. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 A (यौन उत्पीड़न) लगाई गई है जिसमें 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसमें जमानती हो सकती है। 
  2. इसके बाद धारा 354 (महिलाओं की मर्यादा पर आघात) लगाई गई है, जिसमें 1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना का प्रावधान है। यह गैर जमानती धारा है।
  3. बृजभूषण पर तीसरी धारा 354 D (पीछा करना) लगी है, जिसमें 3 से 5 साल तक की सजा है और यह जमानती धारा है।

बृजभूषण सिंह के खिलाफ दायर चार्जशीट की डिटेल:-
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ितों द्वारा दिया गया बयान दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट करने का मुख्य सबूत है। नाबालिग के बयान पर, पुलिस उसे कथित अपराध के उक्त स्थान पर ले गई, उन्हें कोई भी सुनसान जगह नहीं मिली जहां अपराध हो सकता था (अपनी शिकायत में उसने दावा किया कि आरोपी ने उसे उस कमरे में बुलाया जहां वह थी और कथित तौर पर हमला किया गया)।

अब तक कितने सबूत और गवाह मिले
पीड़ितों द्वारा प्रदान किए गए डिजिटल साक्ष्य अपराध के कथित स्थान पर अभियुक्तों की उपस्थिति को स्थापित करते हैं। पीड़ितों ने अपने आरोपों के समर्थन में पांच (लगभग) तस्वीरें दी हैं। दो दर्जन गवाहों में से लगभग सात ने पीड़ितों के दावों का समर्थन किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। वे ट्रायल के दौरान क्रॉस एक्जामिनेशन के अधीन होंगे। दूसरे देशों के कुश्ती महासंघों से डिजिटल साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस एक पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। पुलिस ने आरोपी और पीड़िता का पिछले दस साल का सीडीआर मांगा है। यह एक बड़ा दस्तावेज है। 

बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरनेश कुमार के एक जजमेंट के मुताबिक, 7 साल से कम सजा वाली धाराओं में गिरफ्तारी जांचकर्ता के खुद के विवेक पर निर्भर करती है। अगर, आरोपी जांच में सहयोग करता है तो गिरफ्तारी जरूरी नहीं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बृजभूषण को जब भी जांच संबंधी सम्पर्क किया गया, उन्होंने पूरा सहयोग किया, इसीलिए उनकी गिरफ्तारी की कोई खास वजह नहीं थी।

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