Delhi News: दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जलसे में सैयद अरशद मदनी ने कहा है कि 'मुसलमान इस मुल्क के अंदर 1400 साल से एक साथ रहते हैं। हमने कभी किसी धर्म के आदमी को इस्लाम अपनाने की जबर्दस्ती नहीं की। इस्लाम अपने मन से कुबूल होता है। कम्युनिज्म ने अपनी ताकत से कई मुल्क में मस्जिद तोड़ दी और नुमाइश खाना बना दिया।'उन्होंने कहा कि 'कोई भी इंसान का दिल अगर इस्लाम कुबूल करता है तो वह धर्म का पाबंद हो जाता है।' मदनी ने कहा कि 'हमने कभी नहीं सुना 20 करोड़ मुसलमानों को घर वापस करो।'
मदनी ने कहा कि 'मुसलमानों को समझना चाहिए जिस तरह आखिरी नबी को सराब की जमीन पर अल्लाह ने भेजा वो चाहता तो अमेरिका या किसी और देश मे भेज देता है। अगर वो चाहता तो आदम को कहीं भी उतार देता, लेकिन आदम को उतारने के लिए इस भारत की धरती को चुना गया।'
मदनी की बात से हम सहमत नहीं: आचार्य लोकेश मुनि
इस पर जैन धर्मगुरु मुनि आचार्य लोकेश मुनि जैन ने कहा कि 'सभी धर्म गुरुओं के साथ ये कहता हूं हम बड़े मदनी साहब की बात से सहमत नहीं है।' जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि 'सभी धर्म गुरुओं के साथ ये कहता हूं कि हम बड़े मदनी साहब की बात से सहमत नहीं है।' आचार्यजी ने कहा कि 'जितनी कहानी सुनाई है उससे 4 गुना कहानी सुना सकता हूं।' उन्होंने कहा कि 'आपको (अरशद मदनी) शास्त्रार्थ के लिए दावत देता हूं।आप दिल्ली आइए या मैं सहारनरपुर बुलाएं, मैं आऊंगा।'
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