राजधानी दिल्ली पानी के किल्लत से जूझ रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार पानी की किल्लत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के निशाने पर है। इस बीच, दिल्ली की जलमंत्री आतिशी शुक्रवार को जल सत्याग्रह करने जा रही हैं। आतिशी हरियाणा से दिल्ली को ज्यादा पानी दिलाने की मांग को लेकर दोपहर 12 बजे से अनिश्चितकालीन अनशन करेंगी। आतिशी ने कहा कि वह 28 लाख दिल्लीवालों के पानी के लिए उपवास करेंगी।
सत्याग्रह का अपनाना होगा रास्ता- आतिशी
अपना जल सत्या ग्रह शुरू करने से पहले आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि महात्मा गांधी ने सिखाया है कि अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना हो, तो सत्याग्रह का रास्ता अपनाना होगा। आज से वह जल सत्याग्र शुरू करेंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि वह 11 बजे राजघाट पहुंचेगी और 12 बजे से अपना सत्याग्रह शुरू करेंगी।
दिल्ली को 1,005 एमजीडी पानी की आवश्यकता
अपने अनशन की जानकारी देते हुए आतिशी ने कहा कि वह सबसे पहले शुक्रवार को सुबह 11 बजे वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। इसके बाद वह 12 बजे से जंगपुरा के भोगल इलाके में जल सत्याग्रह में बैठ जाएंगी। उन्होंने कहा, 'दिल्ली को 1,005 एमजीडी (Million Gallons Per Day) पानी की आवश्यकता है, जिसमें से 613 एमजीडी पानी हरियाणा से आता है। पिछले दो हफ्तों से हरियाणा ने इसे घटाकर 513 एमजीडी कर दिया है। 100 एमजीडी कम पानी की वजह से शहर के करीब 28 लाख लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।'
28 लाख प्रभावित लोगों के हक के लिए सत्याग्रह- आतिशी
दिल्ली सरकार की मंत्री ने दावा किया कि हरियाणा ने पानी छोड़ने से इनकार कर दिया है और प्रधानमंत्री मोदी को लिखे उनके पत्र से भी कोई मदद नहीं मिली है। इसलिए उन्हें दिल्ली के पानी और शहर के 28 लाख प्रभावित लोगों के हक के हिस्से के लिए सत्याग्रह पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
दिल्ली में रोजाना 1005 एमजीडी पानी की जरूरत
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में कुल जलापूर्ति 1005 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) है, जिसमें से 60 प्रतिशत (613 एमजीडी) मुनक नहर और वजीराबाद बैराज से, 25 प्रतिशत (257 एमजीडी) उत्तर प्रदेश से और 15 प्रतिशत (135 एमजीडी) भूजल से प्राप्त होता है।
हरियाणा सरकार ने की पानी की कटौती
बता दें कि दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है। इसके कारण पानी की मांग बढ़ गई है। केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के बजाय, बीजेपी शासित हरियाणा सरकार ने यमुना नदी से दिल्ली को मिलने वाले पानी के हिस्से में भारी कटौती की है।