वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति बनने के बाद समिति के अंदर लगातार टकराव हो रहे हैं। कई सरकारी निकायों ने वक्फ बोर्डों पर उनकी संपत्तियों पर कब्जा रखने के आरोप लगाये हैं। वहीं, वक्फ बोर्ड की तरफ से भी आरोप लगाए गए हैं कि उनकी कई संपत्तियां सरकारी निकायों के अनाधिकृत कब्जे में हैं। इस बीच संसद की संयुक्त समिति ने हितधारकों, विशेषज्ञों और अन्य संस्थानों से प्रस्तावित कानून पर सुझाव मांगे हैं।
संसद की संयुक्त समिति के सुझाव मांगने के बाद दिल्ली से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ युवक हाथ में माइक लेकर लोगों से सुझाव देने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, ये लोग आम जनता से सुझाव देने की अपील करने के साथ ही उन्हें भड़काने का काम भी कर रहे हैं। वीडियो में इन युवकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर यह कानून आया तो आपसे आपकी मस्जिदें, ईदगाह और कब्रिस्तान छीन लिए जाएंगे। इस वीडियो को लेकर प्रशासनस वक्फ बोर्ड या किसी अन्य संगठन की तरफ से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
क्या है मामला?
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही रखरखाव और इससे जुड़े विवादों को कम करने के लिए वक्फ बोर्ड संसोधन कानून लाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि यह कानून आने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम कर दी जाएंगी। इसी वजह से कुछ मुस्लिम नेताओं ने ऐसा कहा है कि यह कानून उनकी मस्जिदें और कब्रिस्तान छीनने के लिए लाया गया है। फिलहाल संसद की संयुक्त समिति इस कानून पर चर्चा कर रही है। लोगों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं। संयुक्त समिति के सुझाव के बाद ही यह अधिनियम संसद में पेश होगा और चर्चा के बाद कानून का रूप लेगा। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग ही इस कानून की मांग कर रहे हैं। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियां छीनने के लिए यह कानून ला रही है।