दिल्ली के एक कोर्ट ने सोमवार को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की 'साजिश' से जुड़े मामले में JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए सात दिन की अंतरिम जमानत दी है। हालांकि, उमर खालिद ने कोर्ट से दो हफ्तों की जमानत मांगी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की एक अदालत ने खालिद की अंतरिम जमानत की याचिका पर सात दिसंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
'खालिद को 30 दिसंबर को सरेंडर करना होगा'
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आदेश पारित करते हुए साफ किया कि अंतरिम जमानत 23 दिसंबर से शुरू होगी और खालिद को 30 दिसंबर को सरेंडर करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने खालिद का प्रतिनिधित्व किया। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की एक अदालत ने खालिद की अंतरिम जमानत की याचिका पर सात दिसंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
खालिद ने 18 नवंबर को किया था अप्लाई
गौरतलब है कि उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में है। खालिद ने 18 नवंबर को दिल्ली की एक अदालत में अंतरिम जमानत के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस के माध्यम से अप्लाई किया था। अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने कोर्ट को बताया था कि अभियोजन पक्ष ने जांच की है। उन्होंने यह भी बताया था कि खालिद की बहन की शादी दिसंबर में होनी है, जिसके लिए अंतरिम जमानत याचिका मांगी गई है।
खालिद ने दो वीक के लिए किया था आवेदन
आरोपी उमर खालिद ने अपनी अर्जी में दो वीक के लिए अंतरिम जमानत की मांग थी। जिसके बाद कोर्ट ने 25 नवंबर 2022 को आरोपी उमर खालिद की अंतरिम जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने और दलीलें पेश करने का आदेश दिया था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली पुलिस ने खालिद की जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया था कि वह सोशल मीडिया के जरिए गलत खबर फैला सकता है और समाज में अशांति पैदा कर सकता है। वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है।