नई दिल्ली: पंजाबी बाग इलाके में शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक के आवास के सामने जबरन वसूली के लिए 7-8 राउंड फायरिंग करने के आरोप में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गिरोह के दो शार्प शूटरों को गिरफ्तार किया गया है। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि शार्प शूटरों की पहचान हरियाणा के रहने वाले आकाश उर्फ कस्सा और नितेश उर्फ सिंटी के रूप में हुई है। बता दें कि 3 दिसंबर को पंजाबी बाग थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को दीप मल्होत्रा के आवास के सामने फायरिंग की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को घर के मुख्य गेट के पास चार खाली कारतूस मिले।
पूर्व विधायक को डराने के मिले निर्देश
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि एक विशेष पुलिस टीम को घटना की जांच का काम सौंपा गया था। तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से, हरियाणा के सोनीपत के एक गांव में आकाश नाम के एक शार्प शूटर का पता लगाया गया। उन्होंने बताया कि आकाश को पकड़ लिया गया है। उसने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल कर लिया और अपने सह-आरोपी नितेश का नाम बताया, उसे भी पकड़ लिया गया है। वहीं अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल, कारतूस और एक चोरी की बाइक भी बरामद कर ली गई है। आकाश ने बरार-बिश्नोई गिरोह के साथ अपनी संलिप्तता का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें दीप मल्होत्रा को डराने का निर्देश दिया गया था जो शराब के कारोबार में शामिल है।
जेल में हुई थी पहचान
विशेष सीपी ने बताया कि "गिरोह कई लेयर्स के साथ काम करता था और शार्प शूटर घटना से पहले एक-दूसरे से अनजान थे।" उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आकाश ने हत्या के प्रयास के आरोप में जेल जाने के दौरान गिरोह के साथ अपने जुड़ाव का खुलासा किया। वह हरियाणा के मोहना में हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद था। जेल में उसकी मुलाकात बरार-बिश्नोई गिरोह के सदस्यों से हुई और वह गिरोह में शामिल हो गया। हाल ही में उसे सिग्नल ऐप के माध्यम से गोल्डी बरार से नितेश और गिरोह के अन्य सदस्यों से मिलकर अपनी योजना को अंजाम देने के निर्देश मिले।
दिल्ली के आस-पास कई घटनाओं को दिया अंजाम
पूर्व विधायक (फरीदपुर, पंजाब) पंजाब में शराब का कारोबार चला रहे थे और उनके द्वारा मांगी गई रंगदारी नहीं दे रहे थे। विशेष सीपी ने आगे खुलासा किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गिरोह ने दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में जबरन वसूली गतिविधियों को अंजाम दिया। उनके तौर-तरीकों में धनी व्यक्तियों को निशाना बनाना, विभिन्न माध्यमों से मांगें पहुंचाना और डर की रणनीति का उपयोग करना शामिल था, जिसमें अक्सर लॉरेंस बिश्नोई का नाम लिया जाता था।
(इनपुट: आईएएनएस)
यह भी पढ़ें-
'मैं विद्यार्थी परिषद का एक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हूं', ABVP के आयोजन में बोले अमित शाह