आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। वह पहले ही मनी लॉड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं और अब उनके ऊपर सात करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। दिल्ली के राज्यपाल ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। गवर्नर की तरफ से इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी गई है। सतेंद्र जैन पर आरोप है कि CCTV लगाने में हुई देरी के लिए लगी पेनाल्टी माफ करने के एवज में उन्होंने कंपनी से 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।
सत्येंद्र जैन पहले ही पैसे के हेरफेर के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। 30 मई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आए थे। हालांकि, सर्जरी के बाद दोबारा उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
सत्येंद्र जैन पर क्या हैं आरोप?
सत्येंद्र जैन पर ईडी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने चार अलग-अलग कंपनियों के जरिए पैसों का हेरफेर किया था। इसी पैसे के जरिए जमीन खरीदी गई और जमीन खरीदने के लिए पहले से लिए गए लोन की किश्त चुकाई गई। 30 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए कई याचिका दायर की, लेकिन हर बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। 26 मई को सर्जरी कराने के लिए उन्हें जमानत दी गई। हालांकि, सर्जरी के बाद उनकी सेहत ठीक होते ही उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया।
आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में
मनी लॉड्रिंग के मामले में आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में बंद हैं। संजय सिंह लंब समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। इस मामले में ईडी की जांच जारी है और सीबीआई भी अपनी जांच कर रही है। ईडी मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है, जबकि सीबीआई भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर रही है।
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