नई दिल्लीः छठ आने पहले ही दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। यमुना के कालिंदी कुंज घाट पर आप देखेंगे तो यमुना के पानी के ऊपर आपको सफेद झाग की एक मोटी परत नजर आएगी। दरअसल यह सफेद झाग की मोटी परत यमुना में गिरने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के वेस्ट से बनी है। इस सफेद झाग का एक बड़ा कारण छोटी बड़ी फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल वेस्ट भी है जो नालों से होता हुआ यमुना में आकर गिरता है।
कैंसर और फेफड़ों की बीमारी होने का खतरा
इस झाग के ऊपर आपको काले रंग की एक पतली सी लेयर भी दिखाई देगी। ये लेयर भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल वेस्ट की वजह से बनती है और ये काले रंग की पतली परत ही कैंसर और फेफड़ों की बीमारी का बड़ा कारण है। इतनी प्रदूषित यमुना होने के बावजूद भी लोग छठ के मौके पर यमुना के इस गंदे पानी में आस्था की डुबकी लगाते हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार के लचर रवैया की वजह से यमुना साफ नहीं हो पाती।
सरकारी हर साल करोड़ों रुपए यमुना की साफ सफाई करने के लिए खर्च करती है लेकिन वह पैसा शायद कागजों में ही खर्च हो जाता है जिसके चलते इसका असर यमुना के पानी में नहीं दिखता। इसी साल सितंबर के महीने में दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल समिति ने यमुना के सभी पॉइंट्स से यमुना के पानी के सैंपल कलेक्ट किए और जांच के लिए भेजे यमुना के पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो नतीजे बेहद चौंकाने वाले थे।
बीजेपी ने बोला सरकार पर हमला
इस मामले को लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तीखा हमला किया है। बीजेपी का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में AAP सरकार का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं है। प्रदूषण फिर से हानिकारक हो रहा है। नदी और हवा प्रदूषित हैं। लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह तो सिर्फ शुरुआत है।
बता दें कि दिल्ली बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रही है। शुक्रवार को कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी पर जहरीला झाग तैरता देखा गया। राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह 8 बजे खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।