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टीआईई ग्लोबल समिट 2020: सीएम केजरीवाल ने कहा- दिल्ली सरकार नई स्टार्ट-अप पॉलिसी लेकर आएगी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टीआईई ग्लेबल समिति 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार नई स्टार्ट-अप पॉलिसी लेकर आएगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 10, 2020 17:29 IST
TiE Global Summit 2020, Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, startups
Image Source : @TIEDELHI दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टीआईई ग्लोबल समिट 2020 में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज टीआईई ग्लेबल समिति 2020 को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार नई स्टार्ट-अप पॉलिसी लेकर आएगी। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में एक व्यापक बुनियादी ढांचे के निर्माण और इसे एक वैश्विक स्टार्ट-अप डेस्टिनेशन में बदलने को लेकर दिल्ली सरकार के प्रयासों को साझा किया। सीएम अरविंद केजरीवाल इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कोविड के प्रभाव को पीछे छोड़ते हुए मजबूती से वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे खुशी है कि दिल्ली, भारत में स्टार्ट-अप स्थान के रूप में नेतृत्व करने की स्थिति प्राप्त कर ली है। दिल्ली में 7000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। दिल्ली, देश में सबसे अधिक सक्रिय स्टार्ट-अप वाला शहर है, जिसका अनुमानित मुल्यांकन करीब 50 बिलियन डॉलर है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में नए हाईटेक औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के साथ पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों को बिना कंवर्जन शुल्क का भुगतान किए नए क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का विकल्प होगा, जो साफ-सुथरी और ग्रीन दिल्ली बनाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। स्टार्ट-अप नीति के तहत हम समानांतर मुक्त ऋण प्रदान करने और स्टार्टअप के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि उनकी चिंताओं को दूर किया जा सके और सरकार की सेवाओं के उपयोग में मदद की जा सके।

स्टार्ट अप को अनुकूल माहौल देंगे

केजरीवाल ने कहा कि टीआईई ग्लोबल समिट का हिस्सा बनना और आज आप सभी से बात करना खुशी की बात है। दिल्ली को वैश्विक स्टार्ट-अप स्थान में बदलने के लिए व्यापक ढांचे के निर्माण को लेकर किए गए प्रयासों को आप सभी के साथ साझा करुंगा। दुनिया भर की तरह दिल्ली की अर्थव्यवस्था भी कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कई व्यवसाय सुचारू बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। जबकि सभी व्यवसाय संघर्ष कर रहे हैं तो मैं समझ सकता हूं कि स्टार्ट-अप को और भी कठिन समय का सामना करना पड़ रहा होगा। दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोविड के प्रभाव को पीछे छोड़ते हुए मजबूती से वापसी करें। हम व्यवसायों के लिए विशेषकर स्टार्ट अप को फलने-फूलने के लिए सभी अनुकूल माहौल देना चाहते हैं। मुझे यह जानकर खुशी है कि भारत में दिल्ली ने स्टार्ट-अप स्थान के रूप में नेतृत्व की स्थिति ले ली है।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हैं 7000 से अधिक स्टार्टअप

टीआईई की सितंबर 2019 के एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से 7000 से अधिक स्टार्टअप हैं, जो देश में दिल्ली को सबसे अधिक सक्रिय स्टार्टअप का क्षेत्र बनाता है। यह अनुमान है कि शहर के स्टार्ट-अप का मूल्यांकन लगभग 50 बिलियन डॉलर के बराबर है। इस क्षेत्र में लगभग 13 प्रभावशाली स्टार्टअप जैसे पेटीएम, ओयो, और जोमैटो हैं। 2013 के बाद से प्रत्येक वर्ष कम से कम एक नया प्रभावशाली स्टार्टअप उभर रहा है। दिल्ली एनसीआर में जनवरी और जून 2020 के बीच, 109 स्टार्टअप स्थापित किए गए। इस साल के पहले छह महीनों में पूरे भारत के मुकाबले दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं।

दिल्ली सरकार स्टार्ट-अप्स को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर शीर्ष पांच वैश्विक स्टार्ट-अप हब में से एक बनने के लिए तैयार है, जिसमें 12,000 स्टार्टअप और 30 प्रभावशाली स्टार्टअप हैं। उनका मूल्यांकन 2025 तक बढ़कर लगभग 150 बिलियन डॉलर हो जाएगा। यही कारण है कि दिल्ली सरकार, दिल्ली को विश्व स्तर पर स्टार्ट-अप का पसंदीदा स्थान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी स्टार्ट-अप्स को अच्छे बुनियादी ढांचे की जरूरत है। दिल्ली सरकार, दिल्ली में स्टार्ट-अप और व्यवसायों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें बिजली आपूर्ति, सड़क, सार्वजनिक परिवहन, जल आपूर्ति, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा शामिल है।

रानी खेड़ा में बन रहा एक हाईटेक बिजनेस पार्क

दिल्ली सरकार 150 एकड़ भूमि में रानी खेड़ा में एक हाईटेक बिजनेस पार्क भी बना रही है। यह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से महज 15 मिनट की दूरी पर होगा। यह अपनी तरह का पहला केंद्र है और इसमें आईटी और सेवा उद्योग होंगे। पार्क में ग्रीन बिल्डिंग, हर फ्लोर पर बड़े साइज के वर्कस्पेस, मल्टीपर्पज बिजनेस की सुविधाएं और पैदल यात्री प्लाजा होंगे। इसमें रिटेल, फूड एंड बेवरेज (एफएंडबी) सभी तरह की सुविधाएं होंगी। दिल्ली सरकार सात अलग-अलग चरणों में अपनी तरह के इस पहले बिजनेस पार्क को विकसित करेगी। पहले चरण का काम 31 अगस्त 2022 तक पूरा हो जाएगा। पहले चरण में 15 लाख वर्ग फुट की बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी। हम समझते हैं कि स्टार्ट-अप्स को अनूठी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इसलिए दिल्ली सरकार स्टार्ट-अप नीति को शुरू करने के बहुत उन्नत चरण में है। इससे दिल्ली में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने और सुविधाजनक बनाने के लिए कई प्रावधान किए जाएंगे। यह नीति टीआईई दिल्ली और कई प्रमुख उद्यमियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद विकसित की जा रही है। इसलिए हमें उम्मीद है कि यह स्टार्ट-अप्स के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा।

स्टार्ट-अप से संबंधित हेल्पलाइन की जाएगी स्थापित 

इसके अलावा, दिल्ली सरकार अपनी सार्वजनिक खरीद को इस तरह से संरेखित करेगी कि हमारे सभी सामानों और सेवाओं का एक निश्चित प्रतिशत मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप के माध्यम से प्राप्त किया जा सके। इसके अतिरिक्त, स्टार्ट-अप से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर देने और शिकायतों का समाधान करने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी। व्यक्ति और स्टार्टअप दिल्ली की सरकार की सेवा डॉयल 1076 का उपयोग करके, सीए या वकील को कॉल कर सकेंगे, ताकि उन्हें अपने घर या कार्यालय से किसी कंपनी को शामिल करने में मदद मिल सके। इसके अलावा, हम सुधारों को भी शुरू करेंगे, ताकि स्टार्ट-अप्स को सरकारी विभागों के साथ सभी बातचीत के लिए एक एकल खिड़की हो और उनके पास भारत और दुनिया भर के निवेशकों के लिए हैकथॉन और स्टार्ट-अप चुनौतियों के माध्यम से अपने नवाचारों (इनोवेशन) को प्रदर्शित करने का अवसर मिले। दिल्ली सरकार ने स्टार्ट-अप्स को दिल्ली में ही सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली मानव पूंजी तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व छोटे और दीर्घकालिक कदम उठाए हैं।

एक उद्योग टाई-अप इकाई भी होगी...

दिल्ली के टूल इंजीनियरिंग कॉलेज, जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई और कौशल प्रशिक्षण केंद्रों को विश्वविद्यालय के दायरे में लाया जाएगा। एक उद्योग टाई-अप इकाई भी होगी, जो विभिन्न उद्योग भागीदारों के साथ मजबूत संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह इकाई उन छात्रों को इंटर्नशिप, प्लेसमेंट की सुविधा प्रदान करेगी, जो खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय का पहला शैक्षणिक सत्र अगले साल कंपनियों के साथ गहन विचार विमर्श से शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रयास में कंपनियों को ‘ग्राहक’ के रूप में माना जाएगा, ताकि पाठ्यक्रम उद्योग की मांग के अनुरूप हो।

हम दिल्ली को ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाने के लिए जितना संभव हो सके, उतना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं, हमारे विचारों को साझा करने और एंजेल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटलिस्ट्स, इंडस्ट्री लीडर्स, एंटरप्रेन्योर्स, थॉट लीडर्स, और टीआईई मेंबर्स के वैश्विक दर्शकों के लिए दिल्ली को एक ग्लोबल स्टार्ट-अप डेस्टिनेशन बनाने के इस अवसर के लिए टीआईई ग्लोबल समिट आयोजकों को धन्यवाद देता हूं।

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