दिल्ली। दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कोरोना से निपटने के लिए शुक्रवार को गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि स्टूडेंट्स और कर्मचारियों को बिना थर्मल स्कैनिंग के स्कूल परिसर में प्रवेश न दिया जाए। एंट्री और एग्जिट के समय भीड न होने पाए। बच्चे में अगर कोरोना के लक्षण हैं तो उसे स्कूल न भेजें। टीचर भी रोज छात्रों से पूछेंगे कि उनमें या उनके परिवार के किसी सदस्य में कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। छात्रों से कहा गया है कि वे खाना, किताबें या स्टेशनरी का सामान साझा न करें।
शुक्रवार को जारी गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों में भी क्वारंटीन रूम बनाए जाएंगे, जिससे कि कोरोना का लक्षण मिलने पर स्टूडेंट को दूसरों से अलग किया जा सके। प्रिंसिपल इसकी जानकारी तुरंत जोनल अफसरों को देंगे। अगर कोविड का कोई मामला मिलता है तो स्कूल के उस विंग को अस्थायी तौर पर बंद किया जाएगा, जहां कोविड पीड़ित था। उस एरिया में किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी। स्कूल में सभी उचित तरीके से मास्क पहनें। वॉश बेसिन और पानी का पर्याप्त इंतजाम हो। कॉमन एरिया और क्लासरूम जैसी जगहें बार-बार सैनिटाइज हों।
दिल्ली में एक हजार से ज्यादा नए कोरोना केस
दिल्ली में शुक्रवार को 1042 नए कोरोना केस आए हैं, 10 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा मामले राजधानी में मिले हैं। इससे पहले 10 फरवरी 2022 को 1104 केस सामने आए थे। दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 4.64 फीसदी पर पहुंच गई है। दिल्ली में कोरोना के मामले बीते करीब ढाई महीने में सबसे ज्यादा हो गए हैं।
अस्पताल में भर्ती रेट 2% से कम
दिल्ली में केस जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर घटी है। 10 अप्रैल को 608 केस थे और 17 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। एडमिशन रेट 2.80% था। गुरुवार को 965 केस आए, लेकिन भर्ती रेट 1.91% रहा।
देश में 24 घंटों में 3% बढ़े केस
देश में शुक्रवार को कोरोना के 2,451 केस आए। चौबीस घंटों में मरीज 3% बढ़े हैं। इस दौरान 54 मरीजों की जान गई। नोएडा में 107 केस आए, जिनमें 16 बच्चे हैं। वहीं, गाजियाबाद में मिले 36 मरीजों में 6 बच्चे हैं।