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दिल्ली एनसीआर में बत्ती होने वाली है गुल? 1 अक्टूबर से आने वाली है पावर क्राइसिस, जानिए वजह

दिल्ली एनसीआर में 1 अक्टूबर से बिजली को लेकर सकंट आ सकता है। ऐसे में करीब 6 हजार उद्योग पर संकट के काले बादल छा सकते हैं। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में 1 अक्टूबर से ग्रैप नियम लागू होने वाले हैं।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 30, 2023 18:21 IST
Power crisis- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली एनसीआर में 1 अक्टूबर से छा सकती है बिजली सकंट

दिल्ली-एनसीआर में 1 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने जा रहे हैं। इसके प्रभावी होने के साथ ही गाजियाबाद जिले के करीब 6 हजार उद्योग प्रभावित हो सकते हैं। दरअसल, ग्रैप लागू होने के बाद इन उद्योगों में अब जेनरेटर नहीं चल सकेगा। ऐसे में अगर लाइट जाती है तो काम ठप हो जाएगा। इसके अलावा, ग्रैप लागू होने के बाद सोसाइटियों में भी 125 केवीए से अधिक क्षमता वाले डीजल जेनरेटर ऑपरेट नहीं किए जा सकेंगे। इसका मतलब है कि बिजली कटौती होने पर सोसाइटिज में लिफ्ट छोड़कर बाकी सभी गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

पूरे दिल्ली एनसीआर में हो रहा लागू

जानकारी के मुताबिक, पॉल्यूशन पर रोकथाम के लिए दिल्ली एनसीआर में 1 अक्टूबर से ग्रैप लागू हो रहा है। इसके बाद बिना पीएनजी ईंधन वाले जेनरेटर चलाने पर पाबंदी लग जाएगी। गाजियाबाद जिले में करीब 25 हजार माइक्रो, स्माल और मीडियम कैटेगरी के उद्योग हैं। इनमें संगठित और असंगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारी और मजदूर काम करते हैं। इनमें से फैब्रिकेटर, खराद मशीन के उद्योगों की संख्या 5 हजार से ज्यादा है। इकाईयों में रोजाना काम पूरा करने के लिए बिजली गुल होने पर जेनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के महासचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि ग्रैप के लागू होने पर डीजी सेट आधारित उद्योगों के प्रभावित होने की संभावना है।

जेनरेटर के संचालन पर मिले छूट

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एमएसएमई क्षेत्र के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता ने कहा कि ग्रैप की अवधि में बिजली गुल होने पर जेनरेटर ऑपरेट करने पर छूट मिलनी चाहिए। 100 केवीए से कम क्षमता वाले जेनरेटर पर रोक नहीं होनी चाहिए। इससे कम पूंजी वाले छोटे बिजनेसमैन पर 25 से 30 लाख रुपये तक का बोझ पड़ सकता है।

खुले में कचरा डालने पर रोक

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा कि एयर क्वालिटी में सुधार लाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को कचरा जलाने, कोयला भट्टी पर रोक लगाने, धूल मुक्त अभियान चलाने, सड़कों पर पानी के छिड़काव करने को कहा गया है। एयर पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए स्पेशन टीम लगाई गई है। 25 सफाई मित्रों की टीम खुले में कचरा डालने वालों पर रोक लगाएगी। साथ ही 25 वॉटर स्प्रिंकलर मशीनें छिड़काव करेंगी। 5 एंटी स्मॉक गन लगाई गईं हैं। वहीं, सड़कों को भी गड्ढा मुक्त करने पर काम किया रहा है। सीएंडडी वेस्ट की रोकथाम के लिए कई विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

इन नियमों का करना होगा पालन

ग्रैप लागू करने को लेकर जीडीए भी अपनी पूरी तैयारी में जुट गया है। प्रभारी मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने कहा कि 1 अक्टूबर से सभी नियमों का पालन किया जाएगा। निर्माणाधीन साइटों के ठेकेदारों और निजी विकासकर्ताओं को भी नोटिस दिया जा रहा है, ताकि वह सभी नियमों का पालन करें। अगर नियम का उल्लंघन होता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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