New Delhi: दिल्ली महिला आयोग(DCW) की चीफ स्वाति मालीवाल ने पीएम मोदी को एक लेटर लिखकर बिल्किस बानो(Bilkis Bano) के दोषियों और गुरमीत राम रहीम(Gurmeet Ram Rahim) को वापस जेल भेजने की मांग की है। आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में दुष्कर्म के दोषियों की सजा में छूट और पैरोल को बैन करने के लिए कड़े कानूनों की भी मांग की है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिल्किस बानो के दोषियों और राम रहीम का आजाद घूमना देश की हर निर्भया पर चोट है। उन्होंने लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री से अपील है कि कानून को सख्त करें और इन लोगों को जेल पहुंचाएं।
'मौजूदा नियम और नीतियां बेहद कमजोर'
कमीशन ने सिफारिश की है कि बिलकिस बानो के दोषियों और गुरमीत राम रहीम की समय से पहले रिहाई के मामले को संबंधित राज्य सरकारों और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साथ उठाया जाए। ताकि दुष्कर्म के दोषियों को उनकी पूरी सजा दी जा सके और गुरमीत राम रहीम की पैरोल रद्द किया जा सके। आयोग ने गुरमीत राम रहीम के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सरकार के सीनियर ऑफिसर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
कमीशन की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इन घटनाओं को बेहद विचलित करने वाला करार देते हुए कहा कि, देश में सजा में छूट, पैरोल और यहां तक कि फरलो के मामले में मौजूदा नियम और नीतियां बहुत ज्यादा कमजोर हैं। स्वाति मालीवाल ने आगे कहा कि इनमें राजनेताओं और दोषियों द्वारा अपने फायदे के लिए आसानी से हेरफेर किया जा सकता है।
क्या है बिलकिस बानो मामला
बिलकिस बानो का केस साल 2002 में हुए गुजरात के दंगों से जुड़ा हुआ है। उस समय राज्य में हो रहे दंगो के दौरान पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ 11 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की किया था। इस दौरान उसके परिवार के सात सदस्यों का मर्डरह भी कर दिया गया था। मरने वालों में बानो 3 साल की बेटी भी शामिल थी, जिसका सिर पत्थर मारकर कुचल दिया गया था। आपको बता दें कि गोधरा उप कारावास में 15 साल की सजा काटने के बाद इन दोषियों की रिहाई हुई है। बानो के दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया था।