दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लंबे समय से जेल में बंद हैं। कोर्ट से अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगा। सिसोदिया के खिलाफ CBI और ED की ओर से दर्ज किए गए मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच फैसला सुनाएगी।
2023 से हिरासत में हैं सिसोदिया
सुरक्षित रखा गया था फैसला
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने सिसोदिया की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक सिंघवी और सीबीआई व ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनीं थी। इससे पहले 21 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि पद का दुरुपयोग किया गया। सिसोदिया बाहर आकर सबूत और गवाहों पर असर डाल सकते हैं।
ईडी और सीबीआई ने जमानत का विरोध किया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने जमानत का अनुरोध करते हुए तर्क दिया है कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि एजेंसी के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया की गहरी संलिप्तता का प्रमाण देते हैं।
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