नई दिल्ली: दिल्ली मेयर मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सदन के पीठासीन अधिकारी को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली में अभी कोई मेयर नहीं है। कई मामले बहुत अर्जेंट हैं। जोकि सुलझाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संवैधानिक तौर पर नॉमिनेटेड सदस्य वोट नहीं कर सकते। जिसके बाद जज ने कहा कि अगर उन्हें वोट करने की इजाज़त दी भी जाए, तब भी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा।
BJP और AAP ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया था कि AAP MCD में बहुमत होने के बावजूद महापौर और उप महापौर के चुनाव से भाग रही है। उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या उनकी पार्टी चुनाव से डरी हुई है। वहीं, AAP के सांसद संजय सिंह ने BJP पर दिल्ली के '2 करोड़ लोगों' की ओर से उनकी पार्टी व अरविंद केजरीवाल को दिए गए जनादेश का ‘गला घोटने’ का आरोप लगाया था। संजय सिंह ने कहा था कि इन चुनावों में बीजेपी बुरी तरह हार रही है।
पार्षदों ने जमकर की थी तोड़फोड़
6 जनवरी को दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के दौरान सदन में जमकर बवाल हुआ था। दिल्ली के पार्षदों ने सदन में जमकर हंगामा काटा था उअर तोड़फोड़ की थी। सदन में लगे माइक और कुर्सियों को भारी नुकसान भी पहुंचा था। अब खबर आ रही है कि इस नुकसान की भरपाई पार्षदों से ही कराई जायेगी। मीडिया में आई खबर के अनुसार, दिल्ली नगर निगम सदन में पिछले दिनों 6 जनवरी को हुए हंगामे के दौरान जो भी कुछ नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई निगम पार्षदों से की जाएगी। इसके लिए वीडियो फुटेज के आधार पर दोषियों के खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिससे कि आसानी से दोषियों से सदन में हुए नुकसान की भरपाई कराई जा सकेगी।