नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ों की अनधिकृत तौर पर की गई कटाई के लिए डीडीए के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आज स्वतः संज्ञान लेते हुए डीडीए के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गर्मी की छुट्टियों में 24 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में ही सुनवाई करवाने की बात कही है।
रिज मैनेजमेंट बोर्ड को भी पक्षकार बनाने का आदेश
मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने रिज मैनेजमेंट बोर्ड को भी इस मामले में पक्षकार बनाने को कहा है। कोर्ट ने इस बारे में आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है। इस पर 24 जून को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि हमारे विचार से तो एक पेड़ काटने पर डीडीए को इसके एवज में सौ नए पौधे लगाने चाहिए। हम देहरादून के वन सर्वेक्षण विभाग की टीम को निर्देश देते है कि वो इस निर्माणाधीन सड़क के सिलसिले में काटे गए पेड़ों का ब्योरा और नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट दाखिल करें।
जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच का आदेश
कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वो इस गलती के लिए जिम्मेदार अफसरों के बारे में जांच कराएं। हमारे सामने सही तथ्य रखे जाएं। इसमें क्या सुधार किए जा सकते हैं? इस पूरे प्रकरण में सुधार के लिए कानून के मुताबिक क्या कदम उठाए जा सकते हैं। उसकी जानकारी पिछली बार पेश हुए डीडीए के वकील को उपलब्ध कराएं।
कोर्ट ने कहा कि इस काम में भारतीय वन सर्वेक्षण अपनी फीस और अन्य खर्चों का वाउचर दे। कोर्ट ने डीडीए को इसका शीघ्र भुगतान करने को भी कहा है। कोर्ट ने रिज मैनेजमेंट बोर्ड को साफ कहा है कि वो कोर्ट के अनुमति के बिना कोई परियोजना में हाथ न लगाएं।