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सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों को मिली बड़ी कामयाबी, 12वीं की छात्रा की जांघ से निकाला 2 KG का ट्यूमर

सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने 12वीं की छात्रा की बाईं जांघ से एक बड़ा ट्यूमर निकाल कर उसके पैर को कटने से बचा लिया। ट्यूमर शुरू में छोटा था, लेकिन जल्द ही इसका आकार बढ़ गया।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: June 27, 2024 16:53 IST
घंटों सर्जरी के बाद निकाला गया ट्यूमर- India TV Hindi
Image Source : IANS घंटों सर्जरी के बाद निकाला गया ट्यूमर

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने 8 घंटे की सर्जरी के बाद 16 वर्षीय एक लड़की की बाईं जांघ से एक बड़ा ट्यूमर निकाल कर उसके पैर को कटने से बचाया। दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले के नजफगढ़ की रहने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा माया को लंबे वक्त से अपनी बाईं जांघ के पिछले हिस्से में सूजन हो रही थी। उसे सर गंगा राम अस्पताल में दिखाया गया। ट्यूमर शुरू में छोटा था, लेकिन जल्द ही इसका आकार बढ़ गया। इससे मरीज को चलने और दौड़ने में समस्या होने लगी। धीरे-धीरे यह दर्दनाक भी हो गया और निचले अंग सुन्न पड़ने लगे। 

डॉक्टरों ने इमेजिंग और कोर नीडल बायोप्सी के जरिए एक नरम टिशू ट्यूमर का पता लगाया, जो बाएं साइटिक नर्व को पूरी तरह से घेरे हुए था। अगर समय से इलाज नहीं किया जाता, तो यह जानलेवा साबित हो सकता था। साइटिक नर्व पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और दोनों तरफ ग्लूटस मैक्सिमस मांसपेशी (कूल्हों) से होकर गुजरती है और फिर जांघ और पैर के पीछे से गुजरते हुए निचले अंगों की मांसपेशियों को पोषण प्रदान करती है। 

अंग को बचाना डॉक्टरों के लिए थी चुनौती

अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष चिंतामणि ने कहा, "यह विशेष तंत्रिका निचले अंगों की कार्यक्षमता के लिए महत्वपूर्ण है। यह देखते हुए कि साइटिक तंत्रिका उस ट्यूमर से होकर गुजर रही थी, जो इसे पूरी तरह से घेरे हुए थे। सर्जरी के दौरान इस महत्वपूर्ण तंत्रिका को बचाने की संभावना कम थी।" उन्होंने कहा कि मरीज को यह दोबारा न हो उसके लिए ट्यूमर को पूरी तरह से हटाना जरूरी था, इसलिए अंग को बचाना डॉक्टरों के लिए एक चुनौती बन गई थी।

डॉक्टरों ने साइटिक नर्व को भी बचाया 

डॉ. चिंतामणि और उनकी टीम ने 17x15 सेमी आकार के लगभग 2 किलोग्राम वजन वाले पूरे ट्यूमर को निकालने में सफलता प्राप्त की। साथ ही साइटिक नर्व (तंत्रिका) को भी बचा लिया। डॉक्टर ने कहा, "ट्यूमर जांघ के पिछले हिस्से की मांसपेशियों के एक बड़े हिस्से को भी प्रभावित कर रहा था, इसलिए हमें उसे भी हटाना पड़ा, ताकि पूरे शरीर से ट्यूमर को हटाया जा सके।'' हालांकि, ऑपरेशन के बाद मरीज को निचले अंग की मांसपेशियों में कुछ अस्थायी कमजोरी का सामना करना पड़ा, लेकिन फिजियोथेरेपी और समय के साथ इसमें सुधार देखने को मिला। चिंतामणि ने कहा, "माया अब ठीक है और बिना किसी बड़ी न्यूरोलॉजिकल समस्या के चेकअप और फिजियोथेरेपी के लिए अस्पताल आती है।" (IANS)

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