Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. सर गंगा राम अस्पताल में Oxygen का संकट गहराया, 142 मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है

सर गंगा राम अस्पताल में Oxygen का संकट गहराया, 142 मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में तत्काल ऑक्सीजन मुहैया कराए जाने की जरुरत है। अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट लगातार गहराता जा रहा है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 22, 2021 22:51 IST
सर गंगा राम अस्पताल में Oxygen का संकट गहराया, 142 मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सर गंगा राम अस्पताल में Oxygen का संकट गहराया, 142 मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है 

नई दिल्ली। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में तत्काल ऑक्सीजन मुहैया कराए जाने की जरुरत है। अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट लगातार गहराता जा रहा है। सर गंगा राम अस्पताल के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, अस्पताल में आज रात 1 बजे तक की ही ऑक्सीजन बची है। सर गंगा राम अस्पताल में 510 कोरोना मरीज भर्ती हैं। वहीं 142 गंभीर मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन के सपोर्ट में रखा गया है। सर गंगा राम अस्पताल की ओर से तत्काल एसओएस जारी किया गया है। अस्पताल एजेंसियों के संपर्क में है और उसे तत्काल सप्लाई चाहिए। 

बता दें कि, देश की राजधानी दिल्ली मे इस वक्त कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल नजर आ रही हैं। जहां एक ओर दिल्ली में हर दिन कोरोना के हजारों नए केस आ रहे हैं और 200 से लेकर 250 तक की मौत हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। 

दिल्ली में स्थिति गंभीर, अस्पतालों को ‘प्राणवायु’ की आपूर्ति सुनिश्चित करे केंद्र: न्यायालय 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संबंधी स्थिति ‘‘गंभीर’’ हो गई है और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है। इसने केंद्र को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि शहर को आवंटन आदेश के अनुरूप निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि इस देश को भगवान चला रहे हैं।’’ पीठ का मत था कि प्राणवायु (ऑक्सीजन) के परिवहन में आने वाली हर बाधा को हटाया जाना चाहिए। इसने कहा कि सरकार यदि चाहे तो वह कुछ भी कर सकती है, यहां तक कि ‘‘आकाश और जमीन को भी एक कर सकती है।’’ पीठ ने मामले में सुनवाई अपराह्न दो बजे से शुरू की जो शाम 6:40 बजे तक चली।

अदालत ने आदेश सुनाते हुए कहा कि दिल्ली में स्थिति गंभीर हो गई है और कई अस्पतालों से खबर मिल रही है कि उनके पास या तो पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है या फिर उनके पास जितनी ऑक्सीजन है, वह ज्यदा देर तक नहीं चलेगी। इसने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी आदेश के दायरे में आने वाले सभी संबंधित अधिकारी केंद्र के इस आदेश का कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करें कि चिकित्सीय ऑक्सीजन सहित व्यक्तियों तथा सामान के अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर आवगमन पर कोई रोक नहीं होगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि आदेश का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा क्योंकि इसका परिणाम बड़े स्तर पर जनहानि के रूप में निकलेगा। इसने कहा कि आदेश का अनुपालन न करने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि शहर को आवंटन आदेश के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। पीठ ने कहा कि हरियाणा जैसे दूसरे राज्यों के संयंत्रों से दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन के केंद्र के फैसले का स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं किया जा रहा है और इसे तत्काल सुलझाने की जरूरत है। अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन ला रहे वाहनों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए और इसके लिये निर्धारित काॉरिडोर बनाया जाये।

केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी किया है कि राज्यों के बीच चिकित्सीय ऑक्सीजन के परिवहन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए और परिवहन अधिकारियों को तदनुसार निर्देश दिया जाएगा कि वे ऑक्सीजन आपूर्ति में लगे वाहनों का निर्बाध अंतर-राज्यीय आवागमन सुनिश्चित करें। अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब दिल्ली सरकार ने उसे बताया कि हरियाणा के पानीपत से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को वहां की स्थानीय पुलिस अनुमति नहीं दे रही है।

दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ संयंत्रों से भी ऑक्सीजन को लेकर नहीं आने दिया गया। ऑक्सीजन की हवाई मार्ग से आपूर्ति के दिल्ली सरकार के सुझाव के संबंध में पीठ ने कहा कि इसके कानूनी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अनुसंधान के अनुसार ऑक्सीजन की हवाई मार्ग से आपूर्ति अत्यंत खतरनाक है और इसकी आपूर्ति या तो रेल मार्ग से या फिर सड़क मार्ग से होनी चाहिए।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘यदि किसी व्यक्ति या अधिकारियों द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही है तो अधिकारियों से कहा गया है कि यदि वे इस तरह की किसी गतिविधि में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।’’ उन्होंने कहा कि यदि लोग शामिल पाए जाते हैं तो प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मेहता ने कहा, ‘‘हमें स्थिति के अनुरूप तात्कालिक आवश्यकता की सोच और जिम्मेदारी की सोच के साथ काम करना चाहिए।’’

अदालत ने बुधवार को केंद्र सरकार और निजी उद्योगों की कड़ी आलोचना की थी और केंद्र को आदेश दिया था कि वह कोविड-19 के उपचार में ‘प्राणवायु’ की कमी का सामना कर रहे यहां के अस्पतालों को ‘‘तत्काल’’ ऑक्सीजन उपलब्ध कराए। इसने कहा था, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार के लिए मानव जीवन महत्वपूर्ण नहीं है।’’

...जब जिंदा कोरोना मरीज को जलाने पहुंचे श्मशान, वीडियो वायरल

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement