Highlights
- 19 जुलाई को प्रशिक्षण कार्यक्रम UNEP के सहयोग से होगा आयोजित
- '75 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग बैन के दायरे में नहीं'
- '31 दिसंबर से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई बढ़ाकर 120 माइक्रोन की जाएगाी'
Single Use Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक वाली वस्तुओं पर हाल ही में लागू बैन के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार विभिन्न इको-क्लबों के सदस्यों को ट्रेनिंग देगी। 19 जुलाई को यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में करीब दो हज़ार इको-क्लब हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इको क्लब के सदस्य राजधानी में पर्यावरण पर SUP के प्रभाव और इसके मौजूद ऑप्शनों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करेंगे। रविवार को, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि प्रतिबंध के तहत आने वाली वस्तुओं को लेकर जनता और यहां तक कि कुछ सरकारी एजेंसियों में भ्रम है। उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि SUP वस्तुओं पर प्रतिबंध का मतलब प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध है और इसलिए जनता में जागरूकता लाने की तुरंत जरूरत है। उन्होंने कहा कि 75 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग बैन के दायरे में नहीं आते हैं। हालांकि, 31 दिसंबर से मोटाई बढ़ाकर 120 माइक्रोन की जाएगाी।
10 जुलाई तक बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
मंत्री ने पहले कहा था कि सरकार अपनी प्रवर्तन टीमों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी। ताकि प्रतिबंधों को लागू करने में कोई परेशानी न हो। राजस्व विभाग और DPCC ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 टीमों का गठन किया है। दिल्ली सरकार ने 10 जुलाई तक प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है। साथ ही SUP वस्तुओं के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और उनके विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है। पर्यावरण प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दंडात्मक कार्रवाई में एक लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल तक की जेल या फिर दोनों ही शामिल होंगे।
SUP ऑप्शन देने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी सरकार: गोपाल राय
गोपाल राय ने कहा था, सरकार जागरूकता पैदा करने और लोगों को SUP ऑप्शन देने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलो प्रति मीट्रिक टन) SUP होने का अनुमान है। 1 जुलाई से देश भर में पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित पहचान की गई वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण बैन लगा दिया है। SUP वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।