श्रद्धा की हत्या का राज से पर्दा उठाने में पुलिस की जांच जारी है। इसके लिए पुलिस की छानबीन लगातार जारी है। रोज-रोज इस वारदात से नई-नई बातें सामने निकल कर आ रही हैं। हांलाकि पुलिस को अब तक कोई ठोस सुबूत हाथ नहीं लगे हैं जिससे वह इस केस में आफताब को सजा दिला सके। दिल्ली पुलिस इस केस में 17 नवंबर को आफताब की ज्यादा से ज्यादा दिन की रिमांड मांगेगी। इसके पीछे की वजह ये है कि इस मामले में मृतक का सिर और हथियार बरामद नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर ऐसी भी बातें सामने निकल कर आ रही है कि श्रद्धा हत्या के वक्त प्रेग्नेंट थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार आफताब जो कुछ भी बता रहा है वह सारी बातें सही नहीं है। ऐसे में पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि श्रद्धा हत्या से पहले गर्भवती थी या नहीं। हांलाकि एक्सपर्ट का कहना है कि इतने काफी समय के बाद हड्डियों से यह पता लगाना मुश्किल होगा कि श्रद्धा गर्भवती थी या नहीं।
महरौली पुलिस श्रद्धा के शव के टुकड़ों को खोजने के लिए छतरपुर के जंगल में डॉग स्कवॉड की मदद ली। जिसमें पुलिस को जंगल से पेल्विक बोन मिला है। माना जा रहा है कि यह पेल्विक बोन श्रद्धा के कमर के नीचे का हिस्सा है। पुलिस को मिले इस पेल्विक बोन की मदद से श्रद्धा के शव की पहचान साबित करने में आसानी होगी।
श्रद्धा के चैट और डॉक्टर के पर्चे से श्रद्धा के प्रेग्नेंसी के बारे में पता चल सकता है
पुलिस को अब तक की जांच में यह पता चला है कि श्रद्धा हत्या के वक्त शायद गर्भवती थी। लेकिन अभी पुलिस के पास इससे जुड़ी कोई अहम सबूत नहीं है। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि इतने समय के बाद मिले हड्डियों से यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि वह प्रेग्नेंट थी या नहीं। पुलिस को श्रद्धा के मोबाइल के चैट या उसके घर से किसी डॉक्टर के पर्चे से शायद यह पता लगाया जा सकता है कि वह प्रेग्नेंट थी। श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब उसका इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा था और जून तक उसने श्रद्धा का फोन भी ऑन रखा था। वह किसी से कॉल पर बात नहीं करता था लेकिन मैसेज के जरिए सबको रिप्लाई करता था। 26 मई को उसने श्रद्धा के अकाउंट से 54 हजार रुपए भी निकाले थे।
पड़ोसियों ने आफताब को बहुत ही शांत स्वभाव का बताया
आफताब महाराष्ट्र के वसई इलाके का रहने वाला था। उसके घर में उसके माता-पिता और एक छोटा भाई था। आफताब के घरवालों को उसकी करतूत के बारे में पता चल गया था इसलिए उसके परिवार वाले घर छोड़कर किसी दूसरे जगह पर शिफ्ट हो गए हैं। आफताब के पड़ोसियों से बात करने पर पता चला कि जब तक आफताब अपने घर पर था तब तक तो वह वहां पर बड़े शांत तरीके से रहता था। वह किसी से लड़ता-झगड़ता भी नहीं था लेकिन अचानक उसे क्या हो गया यह नहीं पता। हम विश्वास नहीं हो रहा कि यह कांड उसने खुद किया है।