नई दिल्ली: दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस ने साकेत कोर्ट में मंगलवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपी आफताब पूनावाला के खिलाफ करीब 6 हजार पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर दावा किया है कि घटना वाले दिन श्रद्धा अपने दोस्त से मिलने गई थी। वह जब वो वापस लौटी तब आफताब ने गुस्से में उसकी हत्या कर दी। लिव-इन पार्टनर की हत्या कर शव को 35 टुकड़े करने के मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर जांच कर रही थी। पुलिस की जांच में पता चला है कि श्रद्धा की 18 मई को हत्या की गई थी।
आफताब को श्रद्धा का किसी अन्य दोस्त से मिलने जाना नहीं था पसंद
पुलिस द्वारा दायर की गई 6 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट में आरोप लगाए गए है कि आफताब ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर उसके शव के साथ दरिंदगी की हदें पार की थी। हत्या के बाद आफताब ने शव के करीब 35 टुकड़े किए गए थे। उसने श्रद्धा के टुकड़ों को फ्रिज में रखा था और फिर महीनों तक उन टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगाया। संयुक्त पुलिस आयुक्त, दक्षिण, मीनू चौधरी ने कहा कि आफताब को श्रद्धा का किसी अन्य दोस्त से मिलने जाना पसंद नहीं था। हत्या के मकसद के बारे में पूछे जाने पर ज्वाइंट सीपी ने कहा कि जब श्रद्धा दोस्त से मिलने के बाद वापस आई तो पूनावाला हिंसक हो गया और यह घटना हो गई।
जानिए क्या है पूरा मामला
मामला तब सामने आया जब श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर ने 6 अक्टूबर को मुंबई पुलिस से संपर्क किया, जब उनकी बेटी की सहेली उनके पास आई और कहा कि वह कुछ समय से गायब है। महाराष्ट्र पुलिस ने गुमशुदगी की FIR दर्ज की थी। तलाश करने पर पिता को पता चला कि वह अपने लिव-इन पार्टनर पूनावाला के साथ दिल्ली में रह रही है। उसकी तलाश में मुंबई पुलिस भी 9 नवंबर 2022 को दिल्ली आ गई और 24 घंटे बाद 10 नवंबर को छतरपुर इलाके में वॉल्कर के नहीं मिलने पर महरौली थाने में एक और FIR दर्ज की गई।
मन में कई सवालों के साथ, पुलिस जांचकर्ताओं ने पूनावाला का पता लगाया और हिरासत में लिया, जब लगातार पूछताछ की गई तो उसने 18 मई को छह महीने पहले किए गए बर्बर अपराध के सभी भयानक विवरणों का खुलासा किया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के निशान को स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण था। अधिकारी ने कहा, इसके लिए एक अलग टीम बनाई गई। अधिकारियों के अनुसार, चार्जशीट में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी शामिल हैं। डिजिटल और तकनीकी साक्ष्य के साथ डीएनए रिपोर्ट यह साबित करने के लिए कि पूनावाला ने जघन्य अपराध किया है। जबकि नार्को या पॉलीग्राफ परीक्षण सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं, पुलिस ने कहा कि दोनों परीक्षणों ने उनकी जांच में सहायता की और यह चार्जशीट का हिस्सा हैं।
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पुलिस ने हड्डियों के 23 टुकड़े बरामद किए और उन्हें डीएनए मिलान के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरीऔर डीएनए माइटोकॉन्ड्रियल प्रोफाइलिंग के लिए हैदराबाद के सेंटर फॉर फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स भेजा। DNA मैच की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अस्थियों को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया।