
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का आज दिल्ली में गाय के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों से मिलने का कार्यक्रम है। उन्हें दिल्ली में आगे जाने की अनुमति दे दी गई है। शंकराचार्य को पहले रामलीला मैदान में जाना था, जिसकी अनुमति नहीं मिली तो दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों में जाने का फैसला किया गया था, लेकिन आज सुबह 10:00 बजे जब शंकराचार्य नरेला के घोगा गांव से निकले तो पुलिस ने गांव में ही डंफर लगाकर रास्ता बंद कर दिया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कुंभ मेले में सभी राजनीतिक दलों से गौ हत्या के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था। उन्हें इस पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए समय दिया गया था। आज 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में शाम 5:00 बजे तक वे सभी राजनीतिक दलों के जवाब का इंतजार करने वाले हैं।
गौ हत्या को लेकर पूछा था सवाल
दिल्ली में एंट्री से पहले उन्होंने कहा था राजनीतिक दलों को साफ करना होगा कि वे गौ हत्या के पक्ष में हैं या विरोध में, या फिर चुप रहकर यह संकेत देंगे कि पिछले 78 सालों से जो हो रहा है, वही चलता रहेगा। अगर इस दिन तक राजनीतिक दलों से स्पष्ट जवाब नहीं मिलता है तो वे हर पार्टी के दरवाजे पर जाकर उनकी मंशा पूछेंगे।"हिंदू को पहले खुद को हिंदू समझना होगा"
शंकराचार्य ने कहा था कि हिंदू को पहले खुद को हिंदू समझना होगा, गौ हत्या का विरोध करना होगा। हिंदू गौरक्षक होता है और वह गाय की हत्या होते नहीं देख सकता। अगर देश में गौ हत्या हो रही है, तो इसका मतलब है कि हिंदू कमजोर है। उन्होंने कहा था कि हिंदू राष्ट्र की मांग की जा रही है, लेकिन अगर हिंदू राष्ट्र बनने के बाद भी गौ हत्या जारी रही तो इसका कोई लाभ नहीं होगा, इसलिए उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि पहले उन्हें जागरूक होना होगा और गौ हत्या को पूरी तरह से बंद करने के प्रयास करने होंगे।
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