श्रद्धा हत्याकांड मामले में आए दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं। आफताब आमीन पूनावाला नाम के आरोपी ने अपनी हिंदू लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की बेरहमी से हत्या कर दी। उसकी शैतानी करतूत केवल यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि उसने महीनों पहले ही श्रद्धा को मारने के बाद उसके शव के 35 टुकड़े किए और उन्हें अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया। मामले में लगातार जांच की जा रही है। जिससे पता चल रहा है कि आफताब ने सबूत मिटाने की भरपूर कोशिश की। मुंबई के वसई की मानिकपुर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने श्रद्धा का मोबाइल फोन भायंदर की खाड़ी में फेंकने से पहले पूरे इलाके की रेकी की थी।
इस रेकी के दौरान वह एक मछुवारे से मिला और यह पता किया कि किस इलाके में सीसीटीवी नहीं लगा है। पूरी जानकारी लेने के बाद उसने श्रद्धा का मोबाइल खाड़ी में फेंका था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को यह भी शक है कि 3 नवंबर को आफताब को जब मानिकपुर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया था तो श्रद्धा का फोन उसके पास ही था। पूछताछ के बाद जब उसे यह एहसास हो गया कि वह फंस सकता है तो उसने वापस जाते वक्त मोबाइल को खाड़ी में फेंक दिया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को इस बात का शक है कि आफताब ने उन्हें पूछताछ में खाड़ी में मोबाइल फेंकने की गलत लोकेशन बताई है।
भायंदर की खाड़ी में कई सबूत फेंके
पुलिस सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा के मोबाइल फोन के साथ-साथ आफताब ने हत्या से जुड़े कई और सबूत को भी भायंदर की खाड़ी में फेंके थे। मुंबई वापस आने के बाद आफताब कई बार वसई और नालासोपारा के तमाम इलाकों में गया था, जिसकी जानकारी पुलिस को उसके कॉल डाटा रिकॉर्ड से मिली है। सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने पुलिस को गुमराह करने और गिरफ्तारी से बचने के कई तरीकों के बारे में स्टडी की थी।