नयी दिल्ली: दिल्ली में बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने वाले करीब 40 प्रतिशत वाहनों में सीट बेल्ट नहीं होती है। सेवलाइफ फाउंडेशन और मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया (एमबीआरडीआई) की एक रिपोर्ट 'नेशनल स्टडी ऑन सेफ कम्यूट टू स्कूल' में यह बात सामने आई है। बृहस्पतिवार को जारी की गई रिपोर्ट में बच्चों के स्कूल आने-जाने के दौरान सड़क सुरक्षा में खामियों पर प्रकाश डाला गया है।
सर्वेक्षण में दिखाया गया है, ''राष्ट्रीय स्तर पर, स्कूली वाहनों में सीट बेल्ट की उपलब्धता कम थी। 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके स्कूल वाहन सीट बेल्ट से लैस नहीं हैं। दिल्ली में, 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने यही बात कही।'' कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद किए गए सर्वेक्षण में भारत में दिल्ली सहित 14 शहरों में (कक्षा 6-12 के) 5,711 बच्चे और (कक्षा 1-12 के बच्चों के) 6,134 माता-पिता सहित कुल 11,845 उत्तरदाता शामिल थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में, 18 साल से कम उम्र के 11,168 बच्चों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई, जिनमें से 63 मौतें दिल्ली में हुईं। इसके अनुसार, ''दिल्ली में, 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने दावा किया कि स्कूल क्षेत्र में कोई साइकिल पथ नहीं है, और 29 प्रतिशत ने फुटपाथ न होने की बात कही।''
रिपोर्ट में कहा गया है, ''इसके अलावा, पैदल चलकर स्कूल जाने वाले 98 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि उन्होंने कभी भी रेट्रो रिफ्लेक्टिव स्टिकर का इस्तेमाल नहीं किया।'' एमबीआरडीआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ मनु साले ने सुरक्षित वाहनों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि उनका निरंतर प्रयास सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाना है।
वहीं इस सर्वे में यह भी बताया गया है कि 30 प्रतिशत बच्चे स्कूल जाते समय सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं। सर्वेक्षण किए गए शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, जमशेदपुर, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना, पुणे और विजयवाड़ा शामिल हैं।