नई दिल्ली :देश की राजधानी दिल्ली में तापमान में गिरावट जारी है। बृहस्पतिवार 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ इस मौसम की सबसे ठंडी रात रही। मौसम विभाग के मुताबिक इससे पहले बुधवार की रात रात का तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार रात का न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम का अब तक का दूसरा और तीसरा सबसे कम तापमान था। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस और 2022 में 11.5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे की चादर छाई रही और सर्द हवाओं के बीच अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम में सामान्य से 0.8 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार, दिन में आर्द्रता का स्तर 80 प्रतिशत से 64 प्रतिशत के बीच रहा। वहीं मौसम विभाग ने अपने अनुमान में बताया कि शुक्रवार को राजधानी में हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग ने दिल्ली का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है।
दिल्ली भारत में सबसे प्रदूषित शहर
दिल्ली भारत में सबसे प्रदूषित शहर बन गयी है जहां औसत पीएम 2.5 स्तर 243.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया एवं सप्ताह-दर-सप्ताह प्रदूषण में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ‘रेस्पिरर लिविंग साइंसेज’ की ‘वायु गुणवत्ता विश्लेषण’ रिपोर्ट के मुताबिक वायु गुणवत्ता की दृष्टि से शहरों की सूची में आखिरी पायदान 281 वें नंबर पर है। ‘रेस्पिरर लिविंग साइंसेज’ ने तीन से 16 नवंबर तक 281 शहरों में पीएम2.5 स्तर का विश्लेषण किया। प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 था। ये 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले सूक्ष्म कण होते हैं। ये मोटे तौर पर मानव बाल की चौड़ाई के बराबर होते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि ये कण फेफड़े तक पहुंच जाते हैं और रक्त धमनियों में चले जाते हैं। ये कण गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। यह गंभीर प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुंए, औद्योगिक उत्पादन और पराली जलाने के सम्मिलित प्रभावों को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्दियों के ठंडे तापमान के साथ मिलकर ये परिस्थितियां प्रदूषकों को ज़मीन से अधिक ऊपर नहीं उठने देती हैं। इसमें दावा किया गया है कि दिल्ली का प्रदूषण गंगा के मैदानी इलाकों और उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब सहित कई उत्तरी राज्यों को प्रभावित कर रहा है। इन राज्यों में वायु गुणवत्ता का स्तर भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।