Wednesday, January 15, 2025
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दिल्ली और नोएडा में नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल खुले, ऐसा था पैरेंट्स का रिएक्शन

कोरोना महामारी के बाद दिल्ली और नोएडा में नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल खुल गए हैं और सभी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। पहले दिन बच्चों के लिए कोविड प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखा गया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 14, 2022 11:04 IST
Delhi School Open
Image Source : PTI FILE PHOTO Delhi School Open

कोरोना महामारी के बाद दिल्ली और नोएडा में नर्सरी से आठवीं तक के स्कूल खुल गए हैं और सभी स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। पहले दिन बच्चों के लिए कोविड प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखा गया। गौतमबुद्ध नगर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि 50 फीसदी क्षमता के साथ सोमवार से नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोल दिया गया है। कई अभिभावकों की शिकायत थी कि ऑनलाइन कक्षाओं की पढ़ाई सही से नहीं हो रही हैं। कोरोना के मामले कम होने तथा अभिभावकों की मांग को ध्यान में रखते हुए सोमवार से स्कूल खोल दिए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि हफ्ते में तीन दिन ही बच्चों को स्कूल जाना होगा। इस बार अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कोई सहमति पत्र नहीं भरवाया गया है। निजी स्कूलों में कुछ जगह मौखिक परीक्षा चल रही है, तो कुछ स्कूलों में सोमवार से ऑनलाइन परीक्षा होनी है। पिछले हफ्ते नौवीं कक्षा से लेकर इंटरमीडिएट तक के माध्यमिक स्कूल तथा विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज खोल दिए गए थे। उन्होंने स्कूल के प्रबंधकों, छात्रों तथा छात्रों के अभिभावकों से कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सोमवार से नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के लिए स्कूल फिर से खुल गए, हालांकि कुछ अभिभावक चिंतित हैं वहीं कुछ अन्य परिवहन सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोविड-19 के मद्देनजर लंबे समय तक बंद रहने के बाद सात फरवरी को कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए स्कूल फिर से खुल गए। ‘दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन’ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम के अनुसार कई अभिभावक अपने जूनियर क्लास के बच्चों को स्कूलों में भेजने को लेकर आशंकित हैं क्योंकि अभी तक उनका टीकाकरण नहीं हुआ है। 

गौतम ने कहा, ‘इसलिए वे प्रतीक्षा करने और स्थिति पर गौर करने का विकल्प चुनेंगे।’ सात वर्षीय एक बच्चे के पिता अनिल भाटी ने कहा, ‘मैं अपने बच्चे को भेजना चाहता हूं, लेकिन स्कूलों ने अभी तक परिवहन सुविधा की शुरुआत नहीं की है और मैं अन्य माध्यम से व्यवस्था के लिए संघर्ष कर रहा हूं। जब स्कूल फिर से खोले जा रहे हैं तो सरकार को परिवहन सेवाओं को फिर से शुरू करने का आदेश देना चाहिए।’ 

केंद्र ने अपने दिशानिर्देशों से छात्रों को प्रत्यक्ष कक्षाओं में भाग लेने के लिए माता-पिता की सहमति को अनिवार्य करने वाले खंड को हटा दिया है, वहीं दिल्ली सरकार ने इस खंड को जारी रखने का निर्णय लिया है। पिछले साल 28 दिसंबर को ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए शहर के स्कूलों को फिर से बंद करने से पहले कुछ समय के लिए फिर से खोल दिया गया था। एक शीर्ष निजी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा, ‘माता-पिता, विशेष रूप से जिनके बच्चे जूनियर कक्षाओं में हैं, अभी भी आशंकित हैं। हमने सहमति पत्र भेजे, लेकिन प्रतिक्रिया बहुत अच्छी नहीं है। अब हम माता-पिता के लिए परामर्श सत्र आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।’ 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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