प्राइवेट स्कूलों की बढ़ी हुई फीस से बच्चों के अभिभावक परेशान हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक प्राइवेट स्कूल की दाखिला पंजी में उन छात्रों के नाम बहाल कर दिए हैं, जिन्हें अभिभावकों द्वारा बढ़ी हुई फीस देने से इनकार करने के बाद हटा दिया गया था। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने 9 जुलाई को पारित एक आदेश में अभिभावकों को चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए बढ़ी हुई स्कूल फीस का 50 प्रतिशत जमा करने के लिए कहा है।
स्कूल ने बच्चों के नाम हटा दिए थे
कोर्ट का आदेश अभिभावकों की याचिका पर आया है। कोर्ट में बच्चों के अभिभावकों ने दलील दी थी कि द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल ने बढ़ी हुई फीस का भुगतान न करने के कारण उनके बच्चों के नाम अपनी छात्र पंजी से हटा दिए हैं।
कोर्ट ने स्कूल को जारी किया नोटिस
अभिभावकों ने दावा किया था कि शिक्षा निदेशालय (DOE) की मंजूरी के बिना फीस बढ़ाई गई है। कोर्ट ने याचिका पर शिक्षा निदेशालय के साथ-साथ स्कूल को भी नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
बढ़ी हुई फीस न देने पर हटाए गए थे 20 से अधिक छात्र
याचिकाकर्ता अभिभावकों ने दावा किया है कि स्कूल प्रशासन ने हाल ही में बढ़ी हुई फीस का भुगतान नहीं करने पर 20 से अधिक छात्रों को निष्कासित कर दिया था। याचिका में याचिकाकर्ताओं ने न केवल अपने बच्चों के नाम तुरंत बहाल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
30 जुलाई को होगी इस मामले की सुनवाई
साथ ही स्कूल को शैक्षणिक वर्ष के लिए केवल अनुमोदित शुल्क लेने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को करेगी।
एजेंसी के इनपुट के साथ