नई दिल्ली: किसान आंदोलन में ड्यूटी कर रहे हजारों पुलिसकर्मियों को अब DTC की बस नहीं मिलेगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को बस देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि DTC की तकरीबन 10% बस दिल्ली पुलिस की सेवा में हैं जबकि दिल्ली की बसों में अब भी कोरोना की वजह से स्टैंडिंग अलाउड नहीं है। इसलिए अब दिल्ली पुलिस को बस देना मुमकिन नहीं है। वहीं इस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है।
संबित पात्रा ने कहा, अरविंद केजरीवाल ने एक तानाशाही रवैया दिखाया है, वे अराजक थे और आज भी अराजक के रूप में व्यव्हार कर रहे हैं। डीटीसी बस किसलिए है, दिल्ली के जवानों को आवागमन के लिए जिस जगह सुरक्षा की आवश्यकता होती है वहां ट्रांसपोर्ट करके दिल्ली के जवानों को पहुंचाया जाता है। सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली के निवासी नहीं है क्या, क्या वे दिल्ली के नागरिकों के लिए काम नहीं करते है, क्या संसाधन उनके लिए नहीं हैं क्या?
उन्होंने कहा, 26 जनवरी का जिस तरह का दृश्य हमने लाल किले पर देखा, उसके लिए दिल्ली पुलिस ने जो रोकथाम की कोशिश की, खुद लाठी खाई, तलवार की मार खाई। इस हिंसा में 400 से ज्यादा जवान घायल हुए, लेकिन संयम नहीं खोया। उसके बाद भी इस तरह का व्यव्हार दिल्ली पुलिस के साथ दिखाता है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को जो अराजक कहा जाता है वह बिल्कुल सही है।
बता दें कि केजरीवाल सरकार ने पुलिस को दी गई बसों को डीपो में लौटने का निर्देश दिया है, दिल्ली पुलिस के पास डीटीसी की 500 बसे हैं, केजरीवाल ने डीटीसी को यह भी कहा है कि दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना पुलिस को बसें न दी जाए।
बसें भी कम होना शुरू हो गई हैं, बॉर्डर पर पहले काफी संख्या में डीटीसी की बसें दिख रही थी लेकिन अब वह बसें घटना शुरू हो गई हैं। टीकरी बॉर्डर पर पहले 40-45 बसें दिखती थी और वे बसें जवानों को लेकर वहां पहुंचती थी, लेकिन अब वहां पर गिनी चुनी 5-10 बसें ही दिख रही हैं।