नई दिल्ली. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने अप्रैल 2020 और मई 2020 में पूर्ण लॉकडाउन अवधि के दौरान तक बिजली के फिक्स्ड चार्ज को 50 प्रतिशत तक घटा दिए हैं। इससे सरकार पर करीब 160 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। यह कदम गैर-घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं की समस्याओं और उद्योग संघों की मांग को देखते हुए उठाया गया है।
इस अवधि के दौरान इन उपभोक्ताओं को 250 रुपये प्रति केवीए प्रतिमाह की जगह 125 रुपये प्रति केवीए प्रति माह बिल देना होगा। इस अवधि के दौरान कुल अप्रयुक्त क्षमता 80 प्रतिशत थी, जिसमें से 84 प्रतिशत गैर घरेलू उपभोक्ताओं से संबंधित है और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 75 प्रतिशत है।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा, "यह गैर-घरेलू और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी। छूट देने पर सरकार पर करीब 160 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इससे लगभग 44,000 औद्योगिक उपभोक्ताओं और लगभग 10 लाख गैर घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा।"
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, " दिल्ली सरकार संकट की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी है। फिक्स्ड चार्ज में राहत देने से कोरोना के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे लाखों लोगों को मदद मिलेगी।"
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में लिखा गया कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण प्रचलित गंभीर स्थिति पर विचार कर रहे आयोग ने डीईआरसी टैरिफ विनियम 2017 के विनियम 168 और 172 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया।
डीईआरसी ने यह दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं सहित हितधारकों को पेश आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया। आयोग ने अपने कोविड-19 आदेश दिनांक 07 अप्रैल 2020 के तहत घरेलू उपभोक्ताओं, औद्योगिक उपभोक्ताओं, गैर-घरेलू उपभोक्ताओं, सार्वजनिक उपयोगिताओं, वितरण लाइसेंस धारियों सहित विभिन्न हितधारकों को राहत की अनुमति दी है।