Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले में ISI एजेंट का रोल आया सामने, पहले जुड़ा था चीन से कनेक्शन

न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले में ISI एजेंट का रोल आया सामने, पहले जुड़ा था चीन से कनेक्शन

न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि विदेशी फंडिंग मामले में ISI एजेंट का रोल भी सामने आया है। इससे पहले से चीन का कनेक्शन सामने आया था।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Shailendra Tiwari Published : Oct 06, 2023 15:49 IST, Updated : Oct 06, 2023 15:49 IST
Newsclick
Image Source : PTI न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले में ISI एजेंट का रोल सामने आया है।

नई दिल्ली: न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले में चाइना के बाद पाकिस्तान की ISI एजेंट का रोल आया सामने है। इतना ही नहीं दोनों पत्रकार जिन्हें गिरफ्तार किया गया उनके रिमांड पेपर में भी पाकिस्तान कनेक्शन का जिक्र है। न्यूज़क्लिक के शेयरहोल्डर गौतम नवालका का कनेक्शन पाकिस्तान आईएसआई एजेंट गुलाम नबी फाई से जुड़ा हुआ पाया गया है। बता दें कि न्यूज़ वेबसाइट और इससे जुड़े पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने बीते मंगलवार की सुबह छापेमारी की थी। पुलिस ने इन पत्रकारों के फोन और लैपटॉप सीज़ कर लिए थे। वहीं, अब न्यूज़क्लिक विदेशी फंडिंग मामले में चाइना के बाद पाकिस्तान की आईएसआई कनेक्शन का मामला सामने आया है।

खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट से कनेक्शन

जानकारी के लिए बता दें कि इसी गौतम नवालका का कनेक्शन 1991 से पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ से है, जो रिमांड कॉपी और एफआईआर में मेंशन है। जानकारी के मुताबिक, गौतम नवालका जो पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में शेयरहोल्डर थे, ये भारत विरोधी गतिविधियों, बैन की गई नक्सल ऑर्गेनाइजेशन और इसका कनेक्शन गुलाम नबी फाई के नेक्सेस थे। बता दें कि गुलाम नबी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट है।

रिमांड नोट और एफआईआर से जुड़ी महत्वपूर्ण प्वाइंटर्स

1. दिल्ली पुलिस के रिमांड नोट के मुताबिक, पुलिस को गुप्त इनपुट मिले हैं कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से साजिश के तहत भारतीय और विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों विदेशी पैसे का निवेश किया गया है।

2. यूएसए की वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स एलएलसी नाम की कंपनी से अप्रैल 2018 से पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से करोड़ों रुपये मिला है। इसमें प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी "पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड" के शेयरधारक हैं।

3. इस तरह के विदेशी फंड को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स सहित कई संस्थाओं के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सदस्य नेविल रॉय सिंघम द्वारा अवैध तरीके से दिया गया है। 

4. जांच में यह पता चला है कि गौतम नवलखा जो पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में शेयरधारक हैं, वो भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जैसे कि सक्रिय रूप से प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और ISI एजेंट गुलाम नबी फाई के साथ सांठगांठ है।

5.  गौतम नवलखा 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था। 

6. इस तरह के अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया है। ये पैसा तीस्ता सीतलवाड के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि दी गई थी।

7. गुप्त सूचनाओं से यह भी पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और इसी के स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया है। जो कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके इरादे को उजागर करता है। 

8. इन लोगों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह कहानी फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं। 

9. भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करने और मानचित्रों में कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्सों के रूप में दिखाने का उनका प्रयास भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया काम है। 

10. आरोपियों ने इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से भारत में लोगों की आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध को लंबा करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी साजिश रची है।

11. इतना ही नहीं, कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी प्रचारित की गई है। साथ ही प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी।

12. यह भी पता चला है कि पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल, जिसका स्वामित्व और रखरखाव पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है। उसे जानबूझकर साजिश के तहत अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड के करोड़ों रुपये के बदले में पेड न्यूज के माध्यम से इन झूठी कहानियों को फैलाने के लिए किया गया है। ईडी द्वारा उनके ऑफिस से जब्त 5 हार्ड डिस्क में डेटा हासिल किया। डेटा में प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती और अन्य संदिग्धों के ईमेल डंप में कुल 4.27 लाख ईमेल शामिल हैं। आरोपियों ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपए से ज्यादा हासिल किए है।

ये भी पढ़ें:

'शराब घोटाले का पूरा केस फर्जी, डरा-धमकाकर बयान लिए जा रहे', जानें केजरीवाल ने और क्या-क्या कहा

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement