नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। ताजा मामला रोहिणी जेल का है। रोहिणी जेल के असिस्टेंट सुपरीटेंडेंट अशोक मल्होत्रा हुए कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के 5 दिन पहले इस जेल के ही 15 कैदी संक्रमित पाए गए थे। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘करीब 34 दिन पहले अधिकारी को उच्च मधुमेह और गले में सूजन थी जिसके बाद उन्हें घर पर रहने और आराम करने के लिए कहा गया।’’
उन्होंने बताया कि अधिकारी कोरोना वायरस की जांच के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल गए और मंगलवार को जांच रिपोर्ट में वह संक्रमित पाए गए। उन्होंने बताया कि जेल सहायक अधीक्षक तिहाड़ आवासीय परिसर में रहते हैं और उनके परिवार के सदस्यों को पृथक कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि उनके आवास के नजदीक रहने वाले जेल कर्मचारियों को 14 दिनों के लिए अपने घरों में रहने और खुद को पृथक रखने के निर्देश दिए जाएंगे। छह मई को रोहिणी जेल के 15 कैदी और एक प्रमुख वार्डन कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे। इससे कुछ दिनों पहले जेल का 28 वर्षीय कैदी इस बीमारी की चपेट में आया था।
बता दें कि, कोरोना संक्रमित रोहिणी जेल के सुपरिंटेंडेंट का परिवार तिहाड़ जेल की रेजिडेंट्स ब्लॉक में रहता है। फिलहाल, उनके ब्लॉक को सील कर कई लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। तिहाड़ जेल अधिकारी के मुताबिक, स्टाफ क्वार्टर में उसके आस-पास रहने वाले कर्मियों को 14 दिनों के लिए घर पर सेल्फ-क्वारंटीन रहने को कहा जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के ताजा अपेडट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में 20 मई (बुधवार) सुबह 9 बजे तक कोरोना के 10554 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं जबकि अबतक 168 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राजधानी दिल्ली में 4750 लोग ठीक हो चुके हैं।
दिल्ली में कई पुलिसकर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। अब तक दिल्ली पुलिस के करीब 180 कर्मियों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिनमें से 78 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि, इस बार पहले के अपेक्षा काफी छूट दी गई है। ऐसे में लोगों को डर सता रहा है कि कहीं सड़कों पर भीड़-भाड़ की वजह से कोरोना के मामले और बढ़ न जाएं।