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रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट मामले में DRDO का साइंटिस्ट गिरफ्तार, टारगेट पर था वकील

डीआरडीओ में लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के एक साइंटिस्ट को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Updated on: December 18, 2021 19:51 IST
Rohini Court Blast Case: DRDO का साइंटिस्ट गिरफ्तार, टारगेट पर था वकील- India TV Hindi
Image Source : PTI Rohini Court Blast Case: DRDO का साइंटिस्ट गिरफ्तार, टारगेट पर था वकील

Highlights

  • ब्लास्ट के पीछे आतंकी साजिश नहीं बल्कि व्यक्तिगत दुश्मनी
  • साइंटिस्ट और वकील ने एक दूसरे पर कई मुकदमे दर्ज करा रखे हैं

नयी दिल्ली: 9 दिसंबर को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में कोर्ट नंबर 102 में हुए टिफिन बम ब्लास्ट के मामले को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुलझाने का दावा किया है। जांच में पता चला कि इस ब्लास्ट के पीछे टेरर यानी आतंकी साजिश नही बल्कि पर्सनल दुश्मनी है। पुलिस ने डीआरडीओ में लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के एक साइंटिस्ट को गिरफ्तार किया है। इस साइंटिस्ट का नाम जिसका नाम भारत भूषण कटारिया है। 

जाच में जो वजह सामने आई है उसके मुताबिक डीआरडीओ का साइंटिस्ट अशोक विहार इलाके में ग्राउंड फ्लोर पर रहता है। इसी बिल्डिंग में टॉप फ्लोर पर रोहिणी कोर्ट के वकील अमित वशिष्ठ रहते हैं और पिछले कई साल से इनके बीच कई मुद्दों पर झगड़ा चल रहा है। दोनों ने एक दूसरे पर कई मुकदमे दर्ज करा रखे हैं लेकिन साइंटिस्ट भारत भूषण इन झगड़ों से तंग आकर वकील को सबक सिखाना चाहता था जिसके लिए इसने एक बड़ी साजिश रची। उसने मार्केट और सोशल शॉपिंग साइट्स से अलग-अलग सामान बम बनाने के लिए खरीदे और उन्हें असेंबल करके ये आईडी बम बना दिया। 

जब इस ब्लास्ट के बाद जांच में पता चला था आईडी का जो ब्लास्ट था वो रिमोट से किया गया था। आईडी के डेटोनेटर्स, एक्सप्लोसिव मैटेरियल्स एनेलाइज किया गया तो यह पाया गया कि एक्सप्लोसिव मैटीरियल का ब्लास्ट नहीं हुआ था बल्कि डेटोनेटर ही ब्लास्ट हुआ इसलिए नुकसान कम हुआ वरना ज्यादा नुकसान होता। इसे काले रंग के बैग में लाया गया था उस बैग पर एक कंपनी का लोगो लगा हुआ था। आगे जांच की गई तो पता लगा कि जिस कंपनी की बैग है वह मुंबई में है। इस लोगो के जरिए जांच को आगे बढ़ाया गया जिससे केस में आगे का सुराग मिला। 

इसके बाद जांच और आगे बढ़ी, इस बैग का इस्तेमाल किन लोगों ने किया उनको आइडेंटिफाई किया यह एक बड़ा लिंक था। एंटी थेफ्ट मैकेनिज्म के जरिए साइंटिस्ट ने इस टिफिन बम का रिमोट तैयार किया और इसने पता किया कि इसका दुश्मन वकील अमित वशिष्ठ कोर्ट में कब आएगा इसके बाद इसने अमित वशिष्ठ की कुर्सी के पीछे यह बैग प्लांट किया और कोर्ट से बाहर आकर रिमोट का ट्रिगर दबाकर ब्लास्ट कर दिया। 

मौके की जब तलाशी ली गई तो पता लगा कि एंटी थेफ्ट मैकेनिज्म जो टू व्हिलर्स में इस्तेमाल होता है उससे रिमोट तैयार किया गया था साथ ही बैग से कुछ फाइल्स और पेपर रिकवर हुए थे। उस फाइल को कहां बनाया गया था कौन रिटेलर्स और डिस्टिब्यूटर्स है, उसे खंगाला गया और इससे आरोपियों के लिंक मिले।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भारत भूषण कटारिया नाम के एक साइंटिस्ट को गिरफ्तार किया गया। कटारिया के घर की तलाशी ली गई तो विस्फोट के लिए जो बैग इस्तेमाल हुआ उसके मैटीरियल और बम बनाने का कुछ सामान बरामद हुआ।  सीसीटीवी फुटेज को जब खंगाला गया तो दिखता है कि कटारिया अपने साथ दो बैग लेकर कोर्ट में दाखिल हुआ और नार्मल गेट की जगह दूसरे गेट से एंट्री की और दो अलग-अलग बार एंट्री की है । ये सब सीसीटीवी में  दिख रहा है। 

रोहिणी कोर्ट में कुछ दिन पहले फायरिंग हुई थी उसके बाद इस तरह का ब्लास्ट हुआ इसलिए इस केस पर जोर दिया। 1000 गाड़ियों की पड़ताल की गई। सीसीटीवी कैमरे जोकि 100 के करीब थे, उनको खंगाला गया, संदिग्ध फुटेज को ट्रैक किया गया, एक हजार घंटे की फुटेज थी, उनकी पड़ताल के बाद एक कड़ी बनी। इस ब्लास्ट में नयाब कोर्ट घायल हो गया था। फिलहाल इस साइंटिस्ट की गिरफ्तारी से कोर्ट में ब्लास्ट का केस बेशक सुलझा लिया गया है लेकिन कोर्ट में मेटल डिटेक्टर होने के बावजूद कोर्ट के अंदर बम लेकर जाना और उसे कोर्ट में प्लांट कर देना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर तमाम सवाल जरूर खड़े करता है।

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